Option Trading in Hindi PDF: इस आर्टिकल में हम ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में डीपली
इनफार्मेशन के साथ साथ आपको पढाई के लिए pdf भी प्रोवाइड करने वाले है|
जिससे आप ऑप्शन ट्रेडिंग की पढाई अछेसे कर सको…क्युकी ऑप्शन ट्रेडिंग समझना
और ट्रेडिंग करना यह एक दिन में सिखने का काम नहीं है|
ऑप्शन ट्रेडिंग सिखने के लिए आपको निरंतर प्रैक्टिस करने की जरुरत है|
Option Trading in Hindi PDF
Option Market भी Future Market के जैसा होता है लेकिन Option Contract ये
Future contract का modify किया हुआ advance version होता है।
Note:Option Market में भी Lot Size ,Margin और Expiry बिलकुल Future Market जैसा ही है
Strike Price :-
ये वो प्राइस है जो Option को Buy -Sell करते समय चुननी होती है।
Premium Price :-
ऑप्शन कांटेक्ट में प्रीमियम Actual Rate होता है जो हमें ऑप्शन Buy-Sell करते
समय भरना जरूरी होता है।
जब Strike Price अलग होती है तब premium भी अलग होता है।
उदहारण :-
ice cream के अलग अलग फ्लेवर होते है जैसे Vanilla, mango, pista etc इसे हम
स्ट्राइक प्राइस कहेंगे जो हमें सेलेक्ट करनी है। इन फ्लेवर्स के मुताबिक इनकी प्राइस
(प्रीमियम) अलग होते है।
जैसे कोई फ्लेवर खरीदते समय हमें उसकी कीमत देनी होती है उसी तरह ऑप्शन Buy
-Sell करते वक्त हमें Actual Rate देना होता है।
Types Of Option Market | ऑप्शन मार्किट के प्रकार
Call Option
Put Option
Option Trading in Hindi PDF: 1 ) Call Option
यहाँ buyer को future में कोई शेयर ख़रीदनेका अधिकार मिलता है।
जब हमें ऐसा equity price बढ़ सकती है यानि मार्केट में तेजी आने वाली है तब हम Call Option Buy करेंगे।
Eg :-SBIN EQ Price =250 है
और X उसका Premium है।
Price-premium image
ऊपर बताए हुए उदाहरण से हमें यह समझ में आता है कि जैसे जैसे शेर की इक्विटी
प्राइस बढ़ेगी वैसे ही प्रीमियम का रेट भी बढ़ेगा|
इससे हमें मुनाफा होगा उसी तरह अगर शेर की इक्विटी प्राइस कम हो रही है और
प्रीमियम रेट भी कम हो रहा है तो हमें नुकसान होने की हो सकता है।
Call Option Buyer को Option Holder कहा जाता है और Call Option Seller को
Option Writer कहा जाता है।
Option Buyer बुलिश(Bullish) होता है यानी अगर मार्केट में तेजी आती है तो Buyer
को मुनाफा होता है|
इसके विपरीत Option Seller बेयरिश(Bearish) होता है यानी अगर मार्केट में मंदी
आती है तो ऑप्शन सेलर को फायदा होगा।
-बायर और सेलर दोनों को भी स्ट्राइक प्राइस decide करनी होती है।
-buyer pays premium to seller and premium is non refundable
-Call Option Buyer उसने सिलेक्ट की हुई Strike प्राइस के शेयर की डिलीवरी Seller से मांगता है।
-अगर कॉल ऑप्शन बाय अ कॉल ऑप्शन सेलर से शेयर की डिलीवरी मांगता है तो
सेलर को देना बंधनकारक होता है।
बायर सेलर का एक example देखते हैं|
Buyer A :-
बायर को लगता है कि एक्सपायरी से पहले एसबीआई का रेट Rs260 तक पहुंच जाए
जिससे बायर को मुनाफा होगा|
और इसलिए उसने ₹5 प्रीमियम भी भरा है और मान लीजिए यदि एक्सपायरी तक SBI
का रेट Rs 300 हुआ|
तो buyer को अच्छा खासा प्रॉफिट होगा बायर को हर share के पीछे Rs35 प्रॉफिट होगा|
lot size 3000 है या नी Rs 105000 का मुनाफा निश्चित है।
इसके विपरीत अगर एक्सपायरी के समय एसबीआई Rs 260 के नीचे आ जाता|
तो Rs 5 हर शहर के पीछे नुकसान होता या नहीं Rs 15000 का टोटल लॉस हो सकता था।
Seller B :-
सेलर के हिसाब से अगर एक्सपायरी तक एसबीआई 260 के नीचे आ जाए तो उसे
मुनाफा होगा|
अगर एक्सपायरी के वक्त मार्केट 260 के नीचे आया तो बायर ने भरे हुए प्रीमियम के
Rs 5 सेलर को मुनाफे के रूप में मिल जाएंगे|
Total profit = 5(premium) x 3000(lot size)
15000 Rs
यानी यह कह सकते हैं कॉल ऑप्शन बायर को limited Loss और Unlimited Profit होता है।
लेकिन ऑप्शन सेलर को limited profit और Unlimited Loss होता है।
उम्मीद है यह ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा|
अगले ब्लॉग में कुछ इंपॉर्टेंट और उसकी बारे में जानकारी देखेंगे|
what is premium strike price time value? प्रीमियम, स्ट्राइक मूल्य, समय
मूल्य क्या है?
आज हम premium strike price और time value की जानकारी देखेंगे हर option
call के बारे में पूरी जानकारी देख चुके हैं|
premium :-(Value of an Option)
प्रीमियम निकालने का एक सीधा सा फार्मूला है।
Premium= Intrinsic value + Time value
इसमें बताई गई इंट्रिसिक वैल्यू का एक छोटा सा फार्मूला है। कॉल की Intrinsic
value निकालने का और पुटकी Intrinsic value निकालने का फार्मूला अलग-
अलग होता है।
Call Intrinsic value= Equity price – Strike price
example: मान लीजिए 250 इक्विटी प्राइस है और हमने 240 स्ट्राइक प्राइस सिलेक्ट की है .
Call Intrinsic value= Equity price – Strike price
250 – 240 =10( Call Intrinsic value)
Put Intrinsic value = Strike price – Equity price
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- Covered call strategy in hindi
प्रीमियम किस पर निर्भर करता है | What does the premium depend on
Underline value or equity price
Strike price
Time for expiry
Volatility (possibility)
इसके साथ ये भी जरूर यद् रखे :-
Higher the price higher will be the premium
Higher the strike price lower will be the premium
Greater the time of expiry higher premium
Higher the volatility higher the premium
All option contracts are are executed automatically on expiry
ऑप्शन बायर को प्रीमियम भरना होता है जिस वजह से उसका ज्यादा से ज्यादा लॉस
उसने भरा हुआ प्रीमियम होता है।
उसी तरह से ऑप्शन सेलर को सेल करने के लिए 10% से 20% मार्जिन भरना जरूरी
होता है जिस वजह से उसका होने वाला लॉक उसने भरी हुई मार्जिन जितना हो सकता
है।
Strike Price :-
वह कीमत होती है जो हमें ऑप्शन कॉल बाय सेल करते वक्त सिलेक्ट करनी होती है|
Time value:-
Expiry के लिए जितना ज्यादा समय रहता है time value उतनी ही ज्यादा रहती है
जैसे-जैसे Expiry की डेट नजदीक आएगी time value कम हो जाती है|
और एक्सपायरी के वक्त time value 0 हो जाती है।
उम्मीद है आपको यह जानकारी उपयुक्त लगी होगी।
अगले ब्लॉग में हम Option Put के बारे में पूरी जानकारी देखेंगे।
what is put option | पुट ऑप्शन क्या होता है
हमने call option और उससे जुड़े कुछ Terms के बारे में जानकारी देखी है|
आज हम put option के बारे में जानकारी देखेंगे।
-put option की सारी चीजें call option से opposite होती है|
-जब हमें लगता है कि शेयर की Equity price कम होने वाली है तब हम put option buy करेंगे
उदाहरण के तौर पर:-
SBIN Eq price =250 है
और हमने उसका X इतना Premium भरा है।
ऊपर दिखाई गई चार्ट से हमें यह समझ में आता है कि
– जैसे-जैसे शेयर की इक्विटी प्राइस कम होती है वैसे ही प्रीमियम का रेट बढ़ने लगता है।
– और हमें इस चीज का फायदा होता है।
-लेकिन जैसे-जैसे शेयर की इक्विटी प्राइस बढ़ने लगती है वैसे ही प्रीमियम कम होने लगता है।
-और हमें नुकसान होता।
जब हम put option buy करते हैं तब मार्केट की मंदी के समय हमें इस चीज का
फायदा होता है।
और जब हम put option Sell करते हैं तब हमें मार्केट की तेजी के वक्त फायदा होता है।
और मान लीजिए अगर expiry के समय L & T की कीमत कम होती है और RS 1300
तक पहुंचती है तो
Put option buyer has Limited risk = premium paid and unlimited profit
Potential as price decreases put option seller has limited profit
-Put holder और Put writer को आसानीसे समझने केलिए निचे दिया गया चार्ट देखे।
उम्मीद है आपको Derivative Market के बरेमे दी गई ये साडी जानकारी आसानीसे
समाज आगई होगी|
ऐसेही और इंटरेस्टिंग टॉपिक्स के साथ मिलेंगे अगले ब्लॉग में
FAQ’s
1) ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे करें?
रिटेल निवेशक इसमें ट्रेडिंग कर के भी अर्निन्ग कर सकते है| इसे करने के लिए आपको हमारा ब्लॉग अछेसे पढ़ना है|
ऑप्शन ट्रेडिंग के कॉन्सेप्ट्स समज़ने से ही आप अछेसे काम कर पायेंगे|
2) क्या मैं ऑप्शन ट्रेडिंग से अमीर बन सकता हूं?
आपको थोड़ा भाग्य का भी साथ होना चाहिए| कुछ रूल्स और मनी मैनेजमेंट के साथसाथ ट्रेडिंग साइकोलॉजी को अछेसे मैनेज करके ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसा कमाया जा सकता है|
ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसे खोने का भी डर होता है|इस कारण बिगिनर्स को कम निवेश के साथ इसमें ट्रेडिंग करना चाहिए और जैसे जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा आप ज्यादा राशि से भी निवेश कर सकते है|
3) ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत कैसे करें?
कई बार यह एक्टिव होता है और यदि एक्टिव नहीं है तो आपको छह महीने का लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट आपकी ब्रोकर की मदत से अपलोड करना है|
तो यह सक्रीय हो जायेगा और आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर पाएंगे|
4) ऑप्शन बेचने के लिए कितना पैसा चाहिए?
मार्जिन चेक करने के लिए आप मार्जिन कैलकुलेटर का यूज़ कर सकते है| निचे दी गई लिंक पर क्लिक करके मार्जिन चेक किया जा सकता है|
Margin Calculator
5) ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए मुझे कितना पैसा चाहिए?
निष्कर्ष
Option Trading in Hindi PDF: इस आर्टिकल में हमने ऑप्शंस ट्रेडिंग की बुनियादि
बाटे सीखी जैसे की,ऑप्शन ट्रेडिंग की शब्दावली,ऑप्शन ट्रेडिंग के पीछे का
विज्ञान,टाइम वैल्यू,कॉल ऑप्शन,पुट ऑप्शन,आदि|
आशा करता हु यह आर्टिकल आपको अछेसे समझ आया होगा| और इस आर्टिकल की
मदत से आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करने में काफी आसानी होगी| धन्यवाद्