Share Market Course Part 2: जानिए बीएसई, एनएसई, और सेबी का कार्य तथा फाइनेंसियल मार्केट के प्रकार

Share Market Course Part 2: इस आर्टिकल में हम जानेगे की यह क्या होता है शेयर मार्केट में कितने तरह के मार्केट होते है| स्टॉक एक्सचैंजेस और सेबी के रोल के बारे में जानेंगे|

और इससि जुडी कुछ महत्वपूर्ण बाते| यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहा BSE & NSE में रेजिस्टरड कंपनिया अपनी कंपनी स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बेचते है और लोग निवेश के तौर पर शेयर खरीदते है।

आम तौर पर जो मार्केट्स में होता है, जैसे चीजे बेचना (Sell) और खरीदना (Buy) वैसेही शेयर मार्केट एक ऐसी जगा है जहा शेयर बेचे और ख़रीदे जाते है।

और अगर आप शेयर मार्किट सीखना चाहते है तो आप सही जगह पर है|

कुछ समय तक शेयर बाजार Offline भी हुआ करता था लेकिन अब ये पूरीतरह से online हो चूका है यहा तक की निवेशक की शेयर मार्किट से जुडी सारी सुविधाएं अपने फोन पर मिल सकती है।    

एक Share Market Beginner को कई सरे सवाल होते है जैसे :

शेयर मार्केट क्या है,

शेयर मार्केट के प्रकार |Types of share market in Hindi

Share और Stock एकजैसे ही है या अलग एकजैसे है,

शेयर मार्केट कैसे काम करता है,

शेयर मार्केट कैसे सीखे,

शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं,

शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए,

शेयर मार्केट में कितना risk या जोखिम है,

क्या ये बात सच है की  शेयर मार्केट से रातों-रात करोड़पति बन जा सकता है ?
तो इन सरे सवालों के जवाब जानने के लिए ब्लॉग को पूरा पढ़े।

Share Market Course Part 2 for Beginners in Hindi

शेयर मार्केट एक ऐसा platform है जहा Trading, और Investment  की जाती है। ये एक बहुत बड़ी संकल्पना है, कई लोक सोचते है की “शेयरमार्केट क्या है -जहा शेयर की खरीदारी और बिक्री होती है|

लेकिन ये सिर्फ आधा सच है , शेयर मार्किट एक बड़ा business है जिसमे कोई मालिक -नौकर नहीं होता साडी बाते निवेश और निवेशक की नजरियेसे देखि जाती है।   

Share Market Course Part 2: शेयर मार्केट के प्रकार |

शेयर मार्केट एक बहुत बड़ी संकल्पना है। कई लोग Trading यानि Intraday/ F&O को ही Share Market के टाइप्स समझते है जब की ये Trading के तरीके है।

Share Market की share market course(for Beginners) के पहले Chapter Basics of share market  में हम शेयर मार्केट के प्रकारो के बारेमे detail जानकारी देखते है।  

Share Market को चार Types होते है :-

Equity Market (इक्विटी मार्केट)

Equity Market Stock के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक Platform है।  यहाँ पर Public stocks (जो  stock exchange में लिस्ट किये है बेचे और ख़रीदे जाते है।

शेयर मार्केट को ही इक्विटी मार्केट,कॅश मार्केट,सिक्योरिटीज मार्केट,कैपिटल मार्केट कहा जाता है| यह सभी एक ही है|

Derivative Market (डेरीवेटिव मार्केट)

इसे हम किसी उपकरण की तरह समाज सकते है जिसकी कीमत उसे बनाने वाली चीज से तय होती है इसकी जानकारी हमने देखि है।

डेरिवेटिव्स मार्केट को वायदा बाजार भी कहा जाता है| इसे फ्यूचर एंड ऑप्शन भी कहते है|

यह मार्केट शेयर मार्केट का एडवांस विर्जिव होता है यह इक्विटी मार्किट की होने वाली मूवमेंट पर निर्भर होता है|

जैसे की इक्विटी मार्किट को हम दूध कहेंगे और डेरिवेटिव्स को हम कर्ड कहेंगे| डेरीवेटिव मार्केट इक्विटी मार्किट पर निर्भर होते है|

Commodity Market(कमोडिटी मार्केट)

जैसे Equity Market में Stock में व्यापर किया जाता है वैसे ही यहाँ उपयुक्त वस्तु (commodity) में व्यापर किया जाता है।

Commodity Market निवेश की जाने वाली चीजे –

Metal (धातु ) सोना, चांदी।

Base Metals (बेस मेटल्स):- एल्युमिनियम, ब्रास, कॉपर, लेड, निकेल, जिंक।

Energy (ऊर्जा):- कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस।

Agree Commodities(एग्री कमोडिटीज):- काली मिर्च, इलायची, अरंडी का बीज, कपास, कच्चा पाम तेल, मेंथा का तेल, पामोलिन, रबर।

Cereals and Pulses(अनाज और दालें):- जौ, चना, मक्का खरीफ / दक्षिण, मक्का रबी, गेहूं, मूंग, धान (बासमती)

Currency Market (मुद्रा बाज़ार)

ये मुद्राओंके व्यापर का बाजार है , आम तौर पर यहाँ विदेशी मुद्राओ का चलन होता है। यहाँ सभी देशोंकी मुद्राको convert किया जा सकता है।

crypto कर्रेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए ये कह सकते है की आने वाले समय में  investors की रूचि Currency Market में बढाती दिखाई दे रही है।

भारत में मुख़्यता ४ करेंसी पेअर ट्रेड होती है| अभी के दिनों क्रॉस करेंसी भी ट्रेड की जाती है लेकिन उसमे ज्यादा लिक्विडिटी नहीं है|

  1. USDINR
  2. GBPINR
  3. EURINR
  4. JPYINR

Share & Stock एक ही है या अलग अलग है

अगर आपको लगता है कि Share & Stock का मतलब एक ही है, तो आप अकेले नहीं हैं। जबकि ज्यादातर मामलों में अंतर काफी मामूली होता है, शेयर बाजार में अपनी निवेश यात्रा शुरू करने से पहले इस महत्वापूर्ण अंतर को जानना मददगार होता है।

सबसे अनुभवी निवेशकों के बीच ये अंतर धुंधला हो सकता है। लेकिन जब आप वित्तीय बाजारों में कदम रखते हैं, तो आपको भेद की बारीक रेखाओं को जानने में सक्षम होना चाहिए।

 तो आइए जानते हैं कि Share और Stock इन दोनों में आखिर क्या अंतर है

Share

 शेयर यानी हिस्सा जब भी हम किसी कंपनी का शेयर खरीदे हैं यानी हमारी कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है। ये हिस्सा कंपनी के स्टॉक का होता है ,इसे एक उदहारण के साथ समझते है|

मन लीजिये की  किसी कंपनी ABC के पास 1 लाख शेयर हैं और एक व्यक्ति के पास ABC के 100 शेयर हैं, तो इसका मतलब यह होगा कि व्यक्ति के पास ABC के कुल स्टॉक का 0.1% हिस्सा है।

share-market-kya-in-hindiPin

Stock

जब कोई कंपनी capital बढ़ाना चाहती है, तो वह आमतौर पर स्टॉक जारी करती है या पैसा उधार लेती है। इसलिए, स्टॉक financial securities हैं आसान शब्दों में, जब आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी में ownership का कुछ हिस्सा खरीद रहे होते हैं। जारी करने वाली कंपनी की कमाई के आधार पर, स्टॉक आमतौर पर निवेशक को monthly, quarterly या annually रूप से प्रॉफिट दिया करते हैं।

उम्मीद है Share और Stock के बिच का अंतर आपको समजमें आया होगा।

शेयर मार्केट को ही स्टॉक मार्केट,सिक्योरिटीज मार्किट,कॅश मार्केट,कैपिटल मार्केट के नाम से जाना जाता है|

Role of SEBI – Securities and Exchange Board of India

आम इन्वेस्टर के साथ कोई धोखाधड़ी ना हो इसलिए सेबी यहां संस्था स्थापित की गई । सेबी मुख्यता हमारे हित में काम करती है।

 मान लीजिये  किसी कंपनी को बिजनेस करने के लिए फंड की जरूरत होती है और वह पैसा कंपनी को बिना किसी interest के  चाहिए होता है तो उनके पास एक ही ऑप्शन होता है कि वह स्टॉक मार्केट में आकर पैसा  इकट्ठा करके बिजनेस करें ।

 क्योंकि अगर कंपनी बैंक से पैसा लेकर बिजनेस करती है तो कंपनी को बैंक का interest भी देना होता है जो कि कंपनी के नेट प्रॉफिट में से देना पड़ेगा जिससे कंपनी प्रॉफिट में आने के लिए बहुत समय लग सकता है ।

तो शेयर मार्केट में आईपीओ(Initial Public Offering) के द्वारा कंपनी easily कर सकती है और उस पैसे के ऊपर कंपनी को कोई भी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

SEBI से जुड़े कुछ  सवाल

1..  SEBI का full form क्या है ?

SEBI – Security Exchange Board Of India – भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है इस बोर्ड की स्थापना 12 अप्रैल 1988 में हुई और वैधानिक मान्यता 30 जनवरी 1992 को मिली।

2.. SEBI का कार्य ?

सेबी का मुख्य उद्देश्य शेयर मार्केट में निवेश करने वाले निवेशको के इन्वेस्ट किये जाने वाले पैसेकी सुरक्षितता करना है।यानि सेबी निवेशकके हित में कार्य करती है। साथ ही धोखाधड़ी और स्कैम के खिलाफ सहायता भी करती है।

 3.. SEBI का मुख्यालय कहा है ?

सब्बिका मुख्यालय मुंबई में है और अजय त्यागी वर्तमान में अध्यक्ष हैं।

कंपनी को आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास एक डॉक्युमेंट सबमिट करना होता है इस डॉक्यूमेंट को हम भी यार यही कहते हैं जिस का फुल फॉर्म ड्राफ्ट रेड हियररिंग प्रोस्पेक्टस है जो डॉक्यूमेंट कंपनी के पिछले 4 सालों का लेखा-जोखा sebi को दिखाता है।

जिससे की sebi यह अनुमान लगा सकती है कि कंपनी कैसे वर्क कर रही है| कंपनी किस पर्पस के लिए पैसा चाहती है|

और यह कंपनी कम इन्वेस्टर लोगों के पैसे लेकर हुई धोखाधड़ी तो नहीं करेगी यह सब जान करने के बाद ही sebi कंपनी को आईपीओ लाने के लिए परमिशन देती है|

ऐसा नहीं की केवल कंपनी ही Share Market में शेयर फ़्लोट(float) होती है , Stock Market  मे  विदेशी मुद्रा (जैसे डॉलर, यूरो ), बॉन्ड ,कमोडिटी और डेरीवेटिव का भी लेन देन होता है|

जिन के शेर खरीदने और बेचने  को स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता हैI भारत के कुछ जाने मने स्टॉक एक्सचेंज हैI

 BSE

1) BSE का full form

Bombay Stock Exchange बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज।

2) BSE क्या है?

BSE यानि Bombay Stock Exchange की स्थापना 1875 में की गयी थी, इसे पहले ‘देशी शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ के रूप में जाना जाता था।

BSE के बाद भारत सरकार ने इस स्टॉक एक्सचेंज को प्रतिभूति अनुबंध विनियमन अधिनियम (Securities Contract Regulation Act), 1956 के तहत भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी।

सेंसेक्स(BSE Sensex) को 1986 में भारत के पहले इक्विटी सूचकांक(equity index/BSE index) के रूप में भी पेश किया गया था, जो 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों के लिए एक पहचान आधार प्रदान करता है।

1995 में, BSE ऑन-लाइन ट्रेडिंग (BOLT- BSE Online Trading) की स्थापना की गई थी, और उस समय, इसकी क्षमता प्रति दिन 8 मिलियन लेनदेन थी।

BSE एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह कई सारी सेवाओं जैसे बाजार डेटा सेवाओ (market data services), जोखिम प्रबंधन (risk management), सीडीएसएल CDSL (Central Depository Services Limited) डिपॉसिटोरी सर्विसेज भी दी जाती है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज इसके अलावा दुनिया में 12 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है।

NSE

1)  NSE का full form

National Stock Exchange नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ये NSE का full form है।

2)  NSE क्या है?

NSE या National Stock Exchange मुंबई में स्थित है, और यह भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज मार्केट है।

NSE पहली बार 1992 में अस्तित्व में आया और इसे भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक विनिमय प्रणाली के साथ लाया गया, जिसके कारण कागज आधारित प्रणाली को हटा दिया गया।

NSE ने निफ्टी 50 को 1996 में 50 स्टॉक इंडेक्स के लिए पहचान के आधार के रूप में मार्केट में लाया था , और इसका भारतीय पूंजी बाजार(capital market) के बैरोमीटर(Barometer) और भारतीय निवेशको के द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 1993 तक एक स्टॉक एक्सचेंज मान्यता प्राप्त कंपनी बन गई, और 1992 में, इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट(Securities Contracts Act) 1956. के तहत कर भुगतान करने वाली कंपनी के रूप में शामिल किया गया।

NSDL एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) की स्थापना 1995 में करने का मुख्या कारन ये था की निवेशकों को एक सुरक्षित मंच प्रदान किया जा सके। इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने बॉन्ड और शेयरों को स्थानांतरित करना और धारण करना ये सब किया जिसके ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 10 नंबर का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है।

क्या बेहतर है BSE या NSE | what is better nse or bse

एक भारतीय निवेशक जो नई कंपनियों के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, तो बीएसई एक आदर्श विकल्प होगा। लेकिन यदि कोई निवेशक intraday ट्रेडिंग करता है|

derivatives, futures, and options के साथ थोड़ी बहोत रिस्की ट्रेडिंग करता है तो NSE उच्च जोखिम वाले ऑनलाइन लेनदेन के लिए बेहतर है।

Conclusion

Share Market Course Part 2 के  second पोस्ट में हमने शेयर मार्केट क्या है? (What is share market in Hindi) और उससे सम्बंधित शेयर मार्केट की कुछ टर्म्स जैसे SEBI, BSE, NSE की जानकारी संक्षिप्त में देखि है।

उम्मीद करता हु यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा| अधिक जानकारी के लिए हमारा पार्ट 1 अवश्य पढ़े|(internal linking)

उम्मीद है की आपको ये जानकारी उपयुक्त लगी होगी और शेयर बाजार को समझने में इस से आपकी कोई मदत हुई होगी।

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