शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? share market me pahla kadam kaise rakhe जानेंगे की वि कोनसी बाते या Tips (20+) है जिनकी मदत से शेयर बाजार में निवेश करने से कुछ लोग करोड़पति बन जाते हैं तो कुछ लोग शेयर बाजार में पैसा लगाने से गरीब हो जाते हैं।
कुछ कंपनी के शेयर किसी इंसान को अमीर बनाते हैं और कुछ stocks उसे दिवालिया बना कर छोड़ देते हैं।
बाजार में निवेश करने वाले 90% लोग किसी दूसरे के कहने पर निवेश करते हैं।
जैसे की,कई न्यूज चैनल, अखबार, दोस्तों की राय , इंदौर से आने वाले share advisory फोन कॉल और खुद की नासमझी किसी इंसान को दिवालिया बना सकती हैं।
लेकिन केवल 10% स्मार्ट लोग ऐसे भी हैं जो अपनी बुद्धि से बाजार में पैसा लगाते हैं और अमीर बनते हैं, जैसे राकेश झुनझुनवाला, राधाकिशन दमानी, विजय केडिया जो शेयर बाजार से करोड़पति बने है।
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
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स्मार्ट लोगों और आम लोगों के बीच क्या अंतर है, अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आप पाएंगे कि उनका Company Analysis बेहतर होता हैं।
किसी कंपनी की P&L,balance sheet and cash flow, कंपनी की Annual Report, investor Presentation या अन्य बातों को पढ़ना और समझना इनके बायें हात का खेल होता है जो की आम इंसान नहीं कर पाता हैं।
यदि कोई व्यक्ति शेयर बाजार में निवेश करके अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहता हैं और उसे सफल बनना हैं|
तो व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए | हम विस्तार से चर्चा करेंगे, इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें।
यदि आप किसी के कहने पर बाजार में पैसा निवेश करते हैं तो एक दिन आप निश्चित रूप से अपना पैसा खो देंगे।
कभी-कभी आपको किसी और की राय सुनने से निवेश पर प्रॉफिट मिल सकता है | लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर बार ऐसी सलाह देने वाले व्यक्ति ने कंपनी के बारे में बहुत अभ्यास किया है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि
यदि कोई व्यक्ति किसी की राय सुन कर निवेश करता हैं, तो एक न एक दिन वह अपनी कुंजी गवा देगा |
शेयर बाजार में निवेश करते समय किसी व्यक्ति को कोण सी सावधानीया बरतनी चाहिए इसकी विस्तार से चर्चा करने वाले है ।
1) सही डीमैट अकाउंट का चुनाव जरुरी
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (20+ Tips)
कोई व्यक्ति किसी ब्रोकर के साथ डीमैट अकाउंट खोलता हैं वह ब्रोकर विश्वसनीय होना जरूरी है ,ऐसा न करने पर कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि ब्रोकर एप्लिकेशन हैंग होना, Fund transfer में त्रुटियां,और ,customer care की कमी आदि कारन हो सकते है ।
Demat Accout Full Information के लिए जरूर पढ़े-Accounts in Stock Maeket
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या शेयर बाजार में शुरू करने के लिए, अपना डीमैट खाता विश्वसनीय दलालों Broker के साथ जैसे Angel one,Profitmart ,Stoxkart आदि के साथ खोलना चाहिए …यह निवेश का पहला कदम होता है |
यदि आप अभी तक डीमैट खाता नहीं खोलना चाहते हैं तो ब्लैंक लिंक पर क्लिक करें और आज ही अपना खाता खोलें।
और अगर किसी ने अब तक dmat खाता नहीं खुलवाया है तो निचे दी गयी link द्वारा डीमैट खाता खोले अगर किसी का खाता शुरू है तो तो इस लेख को पढ़ते रहिये|
केवल तकनीकी विश्लेषण का अभ्यास करके स्टॉक्स का चुनाव न करें |
एक बार जब आप एक अच्छे ब्रोकर के साथ अपना डीमैट खाता खोल लेते हैं, तो अगला कदम होता है खरीदने के लिए सही स्टॉक का चुनाव करना
2)”खरीदने के लिए सही स्टॉक का चुनाव करना “|
जैसे हमारे पास दो आंखें होती हैं और अगर हम एक आंख को बंद करने की कोशिश करें तो हम केवल एक तरफ का नजारा ठीक से देख सकते हैं|
यानी हम पूरे क्षेत्र को नहीं देख पाएंगे, उसी तरह शेयर बाजार का अध्ययन करते समय दो चीजों का समर्थन किया जाता है या इसे शेयर मार्केट की दो आँखे कह सकते है , एक है टेक्निकल एनालिसिस और दूसरा है फंडामेंटल एनालिसिस…|
कुछ लोग कीमतों को देख कर ऊपर जा रहे शेयरों में निवेश करने की गलती करते हैं |
इस तरह का निवेश करने से पहले यह समझना जरूरी है कि शेयर की कीमत क्यों बढ़ रही है और फिर निवेश करें।
किसी शेयर की कीमत बढ़ने या गिरने के कई कारण हो सकते हैं, positive news और negative news दोनों।
समाचार कुछ भी हो सकता है जैसे कंपनी को एक बड़ा ऑर्डर मिला है, कंपनी का शुद्ध लाभ बढ़ गया है या शुद्ध लाभ गिर गया है, एक निविदा रद्द(Order Tender) कर दी गई है, आदि।
हम कई कारणों से शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव देख सकते हैं। एक बात समझनी जरूरी है कि अगर खबर के बाद कंपनी के कारोबार में कोई बुनियादी बदलाव आता है|
तो बढ़ी हुई शेयर कीमत ऐसी खबरों से हमेशा बनी रहेगी, ऐसी कंपनी में निवेश करने में कोई हर्ज नहीं है।(share market me pahla kadam kaise rakhe)
3) अच्छे तिमाही नतीजों की उम्मीद में निवेश करने से बचें
कंपनी कोई भी हो, हर कंपनी को हर तीन महीने में अपने तिमाही नतीजे एक्सचेंज को जमा करने होते हैं।इसमें कंपनी ने कितना मुनाफा कमाया है|
कंपनी का कितना उत्पाद बेचा है, आदि की विस्तृत जानकारी होती है।
अच्छे परिणामों के बाद भी,शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं।
यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि जब शेयर खरीदने के लिए तिमाही नतीजे देखते हैं तो शेयर की कीमत तीन चरणों से गुजरती है|
यानी तिमाही नतीजे से पहले की अवधि, जिस दिन तिमाही नतीजे जारी होते हैं और तिमाही नतीजे जारी होने के कुछ दिन बाद तक ।
अच्छे तिमाही नतीजे आने के बाद भी शेयर की कीमतों में गिरावट देखी जाती है क्योंकि तिमाही नतीजे से एक हफ्ते या पंद्रह दिन पहले उस शेयर की कीमत अच्छे तिमाही नतीजे की उम्मीद से ज्यादा बढ़ जाती है और नतीजे आने के
बाद ऐसे शेयरों में मुनाफावसूली देखी जाती है और इस वजह से शेयर की कीमत गिर जाती है। इसलिए जब हम छोटी अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं|
तो सिर्फ तिमाही नतीजों को देखकर प्रतिक्रिया देना सही फैसला नहीं होता है।
4) शेयर खरीदने से पहले खुद रिसर्च करें
कई लोग न्यूज चैनल देखकर और एंकरों को सुनकर शेयर खरीदते हैं, कई बार वे जो कहते हैं वह सही होता है|
लेकिन कई बार होता इसके विपरीत है। एक बात हमेशा ध्यान रखे Share Market सुप्रीम है कितना भी दिग्गज व्यक्ति हो उसे मार्केट को समज़ना नामुंकिन है |
उसकी भविष्यवाणी भी झूठी हो सकती है। कभी-कभी एंकर लोग ऑपरेटर की सलाह भी देते हैं।
जो आज तक सफल निवेशक बने हैं उन्होंने खुद कंपनी को पढ़कर और समजकर ही शेयर बाजार में निवेश किया है, चाहे वह राकेश झुनझुनवाला हों या विजय केडिया या कोई और।
अब सवाल उठता है कि एक सफल निवेशक बनने के लिए शेयर बाजार में क्या पढ़ना चाहिए तो किसी व्यक्ति को फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस दोनों का अध्ययन करना चाहिए।
अनिवार्य रूप से, मौलिक विश्लेषण में कंपनी के मुख्य व्यवसाय का अध्ययन शामिल है, जबकि तकनीकी विश्लेषण में मूल्य कार्रवाई का अध्ययन शामिल है।
5) कंपनी के बिजनेस को समझने की कोशिश करें
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (20+ Tips)share market me pahla kadam kaise rakhe
अगर आप कंपनी के कारोबार को समझते हैं, तो आप कंपनी की कीमत को पल-पल को लेकर कभी नहीं डरेंगे
जब हम किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो इसका मतलब होता है कि हम कंपनी के बिजनेस में शेयरहोल्डर बन रहे हैं इसलिए हमें यह सोच कर इसका अध्ययन करना चाहिए कि यह हमारा खुद का बिजनेस है।
उदाहरण के लिए:
यदि आपने कंपनी ITC में निवेश किया है, तो आपको यह पता होना चाहिए
a) कंपनी कोनसा उत्पाद या सेवा बेचती है ?
b) किस उत्पाद को बेचने के बाद कंपनी का राजस्व सबसे अधिक होता है ?
c) अगर कंपनी का रेवेन्यू किसी एक प्रोडक्ट को बेचने से आता है तो थोड़ा सोच समझकर निवेश करना जरूरी है |
d) यह देखना महत्वपूर्ण है कि सरकार के किसी निर्णय के कारण कंपनी का व्यवसाय संकट में न पड़े |
अगर हम इसका एक उदाहरण देखना चाहते हैं कि सरकार का फैसला स्टॉक को कैसे प्रभावित करता है, तो हर
साल वित्तीय बजट में सरकार द्वारा कुछ घोषणा की जाती है जो ITC के स्टॉक को प्रभावित करती है।
6) वार्षिक रिपोर्ट जरूर पढ़ें |
जब हम लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं तो कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट को पढ़ना जरूरी है जिसे
इंग्लिश में “Annual Report” कहा जाता है क्योंकि,
- वार्षिक रिपोर्ट पढ़ने से हम कंपनी के कारोबार को समझते हैं |
- यह हमें कंपनी के प्रबंधन की नीति को समझने में मदद करता है |
- वार्षिक रिपोर्ट पढ़ने से हम कंपनी के इतिहास को समझते हैं |
- वार्षिक रिपोर्ट पढ़ने से हम कंपनी के कारोबार में शामिल जोखिमों को समझते हैं
- इसी तरह,वार्षिक रिपोर्ट पढ़ने से हम कंपनी की भविष्य की योजनाओं को समझते हैं
इन सभी बातों की विस्तृत जानकारी वार्षिक रिपोर्ट में होती है, इसलिए जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, उस कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ना आवश्यक है।
Note:-
बहुत से लोग कंपनी की एक साल की वार्षिक रिपोर्ट को डाउनलोड करके पढ़ते हैं लेकिन अगर हम पिछले तीन-चार साल की सालाना रिपोर्ट को पढ़ें तो हमें ज्यादा फायदा हो सकता है|
क्योंकि कंपनी आने वाले भविष्य में इतिहास में किए गए कमिटमेंट को पूरा करती है या नहीं इसे हम क्रॉस चेक कर सकते है |
अन्यथा कई कंपनियों के प्रबंधन केवल झूठे दावे करते हैं और वे कभी पूरे नहीं होते हैं, इसलिए हमें पिछले तीन से चार वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ने की जरूरत है।
वार्षिक रिपोर्ट पढ़ते समय कई लोगों के मन में एक प्रश्न उठता है कि वार्षिक रिपोर्ट 300, 400, कभी-कभी 500 पृष्ठों की भी होती है, तो क्या आपके लिए इतना पढ़ना संभव है, तो मैं आपको एक बात सुझा सकता हूं कि इसके
बजाय आपको पढ़ना है “मैनेजमेंट डिस्कशन एंड एनालिसिस” हर वार्षिक रिपोर्ट का एक सेक्शन होता है उसे हम Management Discussion and Analysis कहते हैं।
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए आप इसे नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं
उदाहरण के लिए :
नीचे आपको आईटीसी की वार्षिक रिपोर्ट डाउनलोड करने का लिंक दिया जा रहा है |
Download ITC LTD Annual Reports
7) सुनिश्चित करें कि कंपनी का शुद्ध लाभ बढ़ रहा है और उधारी कम हो रही है।
कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट पढ़ते समय यह निर्धारित करने का प्रयास करें कि क्या कंपनी का शुद्ध लाभ बढ़ रहा है और उबाऊ है।
प्रॉफिट एंड लॉस रिपोर्ट में एक नेट प्रॉफिट और एक ऑपरेटिंग प्रॉफिट होता है, दोनों पर ध्यान देना जरूरी है।
साथ ही बैलेंस शीट में बॉरोइंग(Borrowings ) नाम का एक सेक्शन होता है। यदि किसी कंपनी में सालाना दर साल net profit बढ़ता है और borrowing घटती है तब इसमें निवेश करने के लिए एक अच्छीआदर्श स्थिति बनती है।
हर कंपनी को व्यवसाय करने और बढाने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। कंपनी के लिए ऋण को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है।
यदि कंपनी पर अधिक ऋण और कम आय है, तो कंपनी के भविष्य के विकास में बाधा
उत्पन्न होगी क्योंकि अधिकांश शुद्ध लाभ कंपनी को कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल करना पड़ेगा इससे कंपनी को ऋण देने वाली बैंक को फायदा होगा ना की कंपनी को यह बात हमें समझनी चाहिए | यह देखना बहुत जरूरी है
कि कंपनी का कर्ज कितना है।
उदाहरण के लिए,
हम NDTV की एक रिपोर्ट संलग्न कर रहे हैं, आप इसे अवश्य देखें
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (20+ Tips) share market me pahla kadam kaise rakhe
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (20+ Tips) share market me pahla kadam kaise rakhe
(एनडीटीवी पी एंड एल रिपोर्ट और बैलेंस शीट)
8) कैश फ्लो सकारात्मक होना चाहिए
अब कैश फ्लो के बारे में कुछ जानकारी लेते हैं।कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले किसी भी उत्पाद का लेन-देन दो प्रकार से होता है|
एक नकद लेनदेन और दूसरा क्रेडिट लेनदेन। क्रेडिट लेनदेन का मतलब है भविष्य में पैसे आने की कोई गारंटी नहीं है और न ही कोई गारंटी है कि कब आएगा और कितना आएगा।ऐसी सिचुएशन में निवेश के समय सावधानी बरतनी चाहिए |
नोट: इसलिए निवेश करते समय एक बात का ध्यान रखें कि कंपनी का कैश फ्लो हमेशा सकारात्मक होना चाहिए।
9) कंपनी की शेयरधारिता(shareholding pattern) में विदेशी संस्था(foreign institution) का हिस्सा होना बेहद अच्छी बात |
इतिहास हमें बताता है कि जिन निवेशकों ने उन कंपनियों में निवेश किया है जिनमें विदेशी संस्थानों की बड़ी हिस्सेदारी है, उन्हें बेहतर रिटर्न मिला है…
ऐसा होने का कारण यह है कि,जिस कंपनी में विदेशी संस्थाएं निवेश करती हैं उसका vision काफी लॉन्ग टर्म का होता है और बहुत सटीक भी होता है।
किसी को निफ्टी फिफ्टी इंडेक्स की सभी कंपनियों के बारे में निवेश करने के लिए सोचना चाहिए क्युकी foreign institution की शेयरधारिता इन कंपनी में बड़ा होता है | जिनमें विदेशी संस्थानों की अच्छी पकड़ है और इसके
अलावा और भी कई मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां हैं जिनकी विदेशी संस्थानों की अच्छी पकड़ है जिसमें हम निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं।
उदाहरण:
यदि Yesbank का शेयर होल्डिंग देखा जाय तो हर साल FII`s अपनी शेयर होल्डिंग बढ़ाते हुए दिख रहे
है जो की कंपनी के बारे में काफी अच्छा संकेत है |
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (20+ Tips) share market me pahla kadam kaise rakhe
इसके विपरीत अगर, विदेशी निवेशक अपना हिस्सा घटा रहे है तो यह बुरा संकेत है उदहारण के लिए हम Justdial कंपनी का shareholding देखते है | ऐसी कंपनी में हमे सोच समझ कर निवेश की सावधानी बरतनी चाहिए|
10) कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन% अच्छा होना चाहिए
लाभ मार्जिन प्रतिशत का अर्थ है कि कंपनी अपने उत्पाद या सेवा को बेचने के बाद अर्जित लाभ का प्रतिशत।
उदाहरण के लिए,
यदि कोई कंपनी किसी उत्पाद को 100 रुपये में बनाती है और उसे 150 रुपये में बेचती है। तो
हम कह सकते हैं कि कंपनी को 50 रुपये का लाभ और 50 प्रतिशत का मार्जिन लाभ मिला है |
आज के प्रतिस्पर्धा के युग में व्यवसाय करना और उसे बनाए रखना बहुत कठिन हो गया है।यदि कोई कंपनी उच्च
लाभ मार्जिन प्रतिशत दिखाती है, तो वह लंबे समय तक जीवित नहीं रहती है क्योंकि बाजार में नए प्रतियोगी बन
जाते हैं और कंपनी का लाभ मार्जिन भी कम हो जाता है।
नोट: इसलिए प्रॉफिट मार्जिन प्रतिशत का अध्ययन करते समय हमें यह देखने की जरूरत है कि कंपनी का प्रॉफिट
मार्जिन अपने प्रतिस्पर्धियों से कुछ हद तक बेहतर हो।
11) हमेशा Portfolio Diversification रखने की कोशिश करें।
आज तक शेयर बाजार की गहराई को कोई भी नहीं समझ पाया लेकिन बाजार बहुत बड़ा बहुत विशाल है यहां कई व्यवसाय हैं कई अवसर हैं और कई जोखिम भी हैं|
लेकिन जब जोखिम के विषय की बात आती है तो हमें शेयर बाजार से डर लगने लगता है और इस डर को दूर करने के लिए सिर्फ एक कंपनी में नहीं बल्कि अलग-अलग सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों में निवेश करना बहुत जरूरी है।
इसे ही हम पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन कहते हैं।
ऐसा करने का कारण यह है कि आपके पास दस हजार रुपये हैं और आपने इस दस हजार रुपये को दस अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया है और उनमें से कई बंद हो गई हैं और यदि एक या दो कंपनियां अच्छा कर रही हैं|
तो वे आपको उन कंपनियों की तुलना में अधिक रिटर्न देती हैं जो डूब गया है और यह बात आपको लाभ में रखने में मदद करती है।
वहीं अगर आप अपनी पूरी रकम किसी एक कंपनी में लगाते हैं और वह कंपनी किसी कारण से घाटे में चली जाती है तो आपकी मेहनत की सारी कमाई घाटे में चली जाएगी, इसलिए पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन बहुत जरूरी है।(share market me pahla kadam kaise rakhe)
उदाहरण : एक कहावत बहुत प्रचलित है
अपने सभी संसाधनों को एक ही स्थान पर न रखें |
12) Penny Stocks इन सस्ते शेयरों से दूर रहें:
सस्ती कीमतें अधिक आकर्षित करती हैं
और शेयर बाजार में हमें दस पैसे से लेकर एक लाख रुपये तक के शेयरों की अलग-अलग कीमत देखने को मिलती है जिसे खरीदना ज्यादा आकर्षक होता है|
क्योंकि आपको कम पैसे में ज्यादा मात्रा मिल सकती है उस कंपनी का शेयर इतने सस्ते दाम पर तभी मिलता है जब वहां बिज़नेस में कुछ कमी है |
ऐसी कम कीमत की कंपनी में निवेश खोने की संभावना बहुत अधिक होती है |
इसलिए नए निवेशकों को मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए|
नोट:
कहा जाता है कि पेनी स्टॉक आपको पेन दे सकते है इसमें थोड़ा सोच समझ कर निवेश करना चाहिए|
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13) शेयर बाजार में पूरा पैसा न लगाएं
शेयर बाजार के बड़े दिग्गजों की सलाह पर नजर डालें तो वह यह है कि, आपको कभी भी अपनी पूरी रकम शेयर
बाजार में नहीं लगानी चाहिए। इसे और विस्तार से समझने की कोशिश करें तो निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं|
जैसे,
ऊपर दी गयी सभी एसेट क्लास में किसी को भी अपनी पूंजी थोड़ी थोड़ी मात्रा में लगानी चाहिए |
नोट: शेयर बाजार में कभी भी पूरा पैसा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि जिन लोगों ने 2008 की मंदी या 2020 की कोविड क्रैश में पूरा पैसा लगाया था उन्हें भारी नुकसान हुआ।
14) कर्ज लेकर शेयर बाजार में निवेश न करने में समजदारी |
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (20+ Tips) share market me pahla kadam kaise rakhe
नए निवेशक शेयर बाजार की ओर आकर्षित होते हैं क्योंकि यहां रिटर्न बैंकों और यहां तक कि अन्य परिसंपत्ति वर्गों से भी अधिक है।
किसी भी व्यवसाय की तरह, शेयर बाजार में भी एक नियम लागू होता है, जितना बड़ा लाभ,उतना बड़ा जोखिम।
कई बार निवेश करने के बाद शेयर की किम्मत कुछ हफ्ते या कुछ महीनो तक वृद्धि नहीं दिखती इससे दो तरीकेसे नुकसान हो सकता है|
एक तो निवेश फ़सा रहेगा और दूसरा कर्ज का ब्याज भी बढ़ता रहेगा इससे इंसान तरक्की नहीं कर पायेगा |
इसलिए अगर कोई कर्ज लेकर शेयर बाजार में निवेश करने जा रहा है तो ऐसा करना सही नहीं है |
ऐसा करके आप अपने और अपने परिवार दोनों को संकट में डाल देंगे।
15) मौसमी रुझान/चक्रीय शेयरों (Cyclical Stocks)को समझकर निवेश करें |
हमारे जीवन का और शेयर बाजार का एक गहरा रिश्ता है |
क्योंकि हम अपने दैनिक जीवन में जिस भी वस्तु का उपयोग करते हैं वह किसी न किसी कंपनी का उत्पाद है जैसे हम बालों में तेल लगाते हैं पैराशूट मैरिको का उत्पाद है।
हर किसी के घर में इलेक्ट्रॉनिक आइटम होते हैं जो Bajaj Electricals या Havells द्वारा निर्मित होते हैं |
सुबह उठने के बाद हम ब्रश करते हैं कोलगेट Colgate-Palmolive का एक उत्पाद है
शेयर बाजार में निवेश करते समय चक्रीय प्रवृत्ति को देखना जरूरी है, गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की बिक्री बढ़ जाती है|
जिसका फायदा बजाज इलेक्ट्रिकल्स हैवेल्स जैसी कंपनियों को होता है।
इसी तरह दीवाली दशहरा के दौरान ज्वैलरी और कपड़ों की बिक्री बढ़ जाती है तो इसका फायदा Grasim Industries, Titan,Kalyan Jewellers जैसी कंपनियों को जाता है।
16) मोनोपॉली बिजनेस में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद होता है |
एक एकाधिकार व्यवसाय कंपनी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है, ऐसी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा कम होती है और बाजार में ऐसी कंपनियों का विस्तार बहुत बड़ा होता है।
तो कोशिश ये होनी चाहिए कि हम जिस कंपनी में पैसा लगा रहे हैं उसका बिजनेस मनोपाली हो|
17) उन कंपनियों से सावधान रहें जहां कंपनी के प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं |
किसी कंपनी का प्रमोटर कंपनी का मालिक होता है जो किसी और की तुलना में कंपनी के व्यवसाय के बारे में अधिक जानता है और जब प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी घटा रहा होता है तो उसे अपनी कंपनी पर भरोसा कम होता है |
इसे एक नकारात्मक संकेत माना जाता है जब वह खुद कंपनी के शेयरों में अपनी हिस्सेदारी घटाता है।
इसके पीछे एक और कारण यह है कि जब प्रमोटर खुले बाजार से शेयर बेचता है, तो फ्री फ्लोट मार्केट शेयरों की संख्या बढ़ जाती है जो कंपनी के प्रति शेयर ईपीएस अर्निंग को घटाती है और इससे शेयर की कीमत और गिरती जाती है।
यदि प्रमोटर होल्डिंग्स कम कर रहा है तो इसका मतलब दो तरह के कारण हो सकते हैं पहला तो ये कि sebi के नियमों के तहत कम कर रहा हो|
जैसे sebi का नियम है कि कोई भी बैंक जो लिस्टेड है उस में प्रमोटर को अपनी होल्डिंग्स को 4 साल के अंदर 50 % या उससे कम लेकर आना होगा |
दूसरा कि कम्पनी के ऊपर क़र्ज़ा बहुत ज्यादा है या मालिक को अपनी कम्पनी पर भरोसा नहीं रहा है तो वो निकलना चाह रहा है खुद की होल्डिंग को बेचकर ।
यदि प्रमोटर होल्डिंग्स कम होने का कारण दूसरे नम्बर का इशू है तो इस कंपनी में निवेश करने से दूर हो जाइए।
सोचिए जिसको कम्पनी की रग रग का पता है वो खुद नहीं भरोसा कर रहा है तो आपको तो उसके सामने कंपनी के बारे में बहुत कम पता है।
इसलिए हम ऐसी कंपनियों पर नजर रख सकते हैं जिनमे प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है नाकि घटा रहा है |
सिर्फ यह देखकर कि कंपनी में प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है, आंख मूंदकर उस कंपनी में निवेश करना भी गलत है |
18) इकनॉमिक टाइम्स न्यूज पेपर नियमित पढ़ने की आदत लगाए |
बेनेट कोलमैन एंड कंपनी द्वारा यह अख़बार प्रकाशित किया जाता है। 1961 में यह पेपर लॉन्च हुआ |
इकोनॉमिक टाइम्स एक बिजनेस न्यूज पेपर है जिसमें हमें बिजनेस जगत में रोजाना होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है। इस न्यूज पेपर का नेटवर्क बहुत मजबूत है |
इस पेपर को लगातार पढ़ने से आपको निश्चित रूप से फायदा हो सकता है इसलिए कल से इस न्यूज पेपर को मंगवाना शुरू करें|
19) रिसर्च करने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट्स का इस्तेमाल शुरू करें |
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वेबसाइट्स हमें बहुत सारा डेटा प्राप्त करने में भी मदद करती हैं, कुछ वेबसाइटें आपको एक सूची प्रदान कर रही हैं,
उन पर अवश्य जाएँ यह वेबसाइट बिज़नेस जगत की ताजा खबर हम तक भेजती है |
वैसे भी इंसान को स्टॉक मार्केट में हर वक़्त अपडेट रहना होता है |
एक बड़ा आसान तरीक़ा आपको पता होना चाहिए है, आजकल कई वेबसाइट हैं, जो
कम्पनी की सारी जानकारी एक जगह इकट्ठा करके दिखा देती हैं एक क्लिक कीजिये और उन पर जाइए और जो कम्पनी आप देखना चाह रहे हैं उसका नाम डालिए और कम्पनी की जानकारियों को एकत्र करिए।
ये जानकारियाँ आपको पक्का देखनी हैं |
Moneycontrol.com
Screener.in
20)प्रोमोटर द्वारा शेयर को गिरवी रखना |
कंपनी का प्रमोटर कभी भी वित्तीय संकट से निपटने के लिए शेयरों को गिरवी रख सकता हैं।
जब शेयरों को गिरवी रखा जाता है, तो संबंधित शेयरों का बाजार में ख़तरा बढ़ जाता है।
यदि शेयरधारक ऋण का भुगतान करने पर चूक जाते हैं, तो इससे स्टॉक की कीमतों में बड़ी हलचल का खतरा बना रहता है।
यह स्थिति प्रोमोटर हो या निवेशक दोनों के लिए ही प्रतिकूल होगी।
निष्कर्ष
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? share market me pahla kadam kaise rakhe के इस पोस्ट में हमने सावधानीके 20 टिप्स देखे है। यानि निवेश को इन 20 बातोंपर ध्यान देने की जरुरत है।
शेयर बाजार यानि शेयर खरीदना इससे पहले की पोस्ट में हमें देखा की किसीभी शेयर को खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? की भी जानकारी लेते हुए हमने 11 ऐसी बाटे देखि जिनकी मदत से शेयर का चुनाव कर सकते है।
उम्मीद है आपको ये जानकारी उपयुक्त लगी होगी।