Investment vs Trading in hindi: शेयर बाजार में लोग पैसा लगते है यानि इन्वेस्ट
करते है या फिर ट्रेडिंग करते है तो आज हम इन्ही के बारेमे चर्चा करेंगे Investment vs
Trading in hindi आज की चर्चाका केंद्रबिंदु रहेगा।
दोस्तो एक बार वारेन बफेट को पुछा गया की उनकी इन्व्हेस्टमेंट स्ट्रॅटेजी इतनी सिम्पल है लेकिन लोग आपकी स्ट्रॅटेजी क्यू युज नही करते और क्यू अमीर नही बनते इस पर वाईन बफेटजी ने एक जवाब दिया
“Nobody wants to rich slowly“
Investment एक ऐसी चीज है जिसमे आपको वेल्थ बनाने में काफी समय लगता है
वारेन बफेट हो या राकेश झुनझुनवाला शेअर मार्केटचे करोडो रुपये उनकी उमर के
पचास साल के बाद कमा पाए है |
आप जितने भी इन्वेस्टर देखेंगे उनमे से से ज्यादा तर आमिर उनके उमर के 50-60
आयु के बाद बने हुये आप को दिखेंगे |
इस कारण ज्यादा तर लोक स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग करणे मे रुची रखते है |
क्या ट्रेडिंग सच मे Investment से बेटर है इसे हम थोडा विस्तार से समजते है,
ट्रेडिंग हो या Investment दोनो से भी आप मार्केट से बहुत सारा पैसा बना सकते है |
लेकिन ट्रेडिंग और Investment में आपको देना है टाईम आपका Investment और
आपका रिस्क तो यह चीजे ट्रेडिंग और Investment के लीये अलग अलग से वर्क होती है |
Investment vs Trading in hindi
Investment vs Trading
ये दोनोभी शेयर बज़ाएमी सबसे महत्वपूर्ण चीजे है। इनमे क्या निचे दिए गए चार्ट से आसानीसे समजमे आएगा।
अंतर | Investment | ट्रेडिंग |
Income | Passive Income | Active Income |
निवेश की अवधि | लंबी अवधि का निवेश | लघु अवधि का निवेश |
Trade frequency | कभी-कभार | बार-बार |
जोखिम प्रोफाइल | जोखिम के खिलाफ | जोखिम लेने वाला |
स्टडी | फंडामेंटल स्टडी | टेक्निकल स्टडी |
Time Requirement | Less | More |
इन्व्हेस्टमेंट क्या है?
Investment में किसी भी शेयर मे पैसे लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट किया जाता है जसे
की दस साल बीस साल या उस से भी ज्यादा का समय.
आप अगर लंबे टाइम का निफ्टी का ग्राफ देखेंगे तो आप देख पायेंगे की निफ्टीने बडे
समय पर कभी भी निगेटिव्ह रिटर्न नहीं दिया |
भले मार्केट में मंदी बहुत बार आई होगी लेकिन मंदी आने के बाद तेजी जरूर आती है |
आप किसी भी फंड या स्टॉक के लॉन्ग टर्म चार्ट को देखेंगे तो आपको ऐसेही निफ्टी जैसे सिमिलर ट्रेंड दिखाई देंगे |
Investment करके बेशक आप लंबे समय मे अमीर बनेंगे लेकिन उसके लिए आपको Investment टाईम देना जरुरी है|
Investment करने के लिए सुरुवात आपको कम आयु से करनी होगी पैसा बचाना है
पैसा सेव करना है उसे इन्वेस्ट करना है खर्च कम करने है Investment ज्यादा करनी
है तभी यह पॉसिबल हो पायेगा |
Investment करने के लिए आपको आपके अवांतर खर्च कम करने होंगे जैसे बाईक
लेना मेहंगे कपडे खरीदना फोर व्हीलर खरीदना आदी ताकी आप इन पैसो को इन्वेस्ट
कर सके |
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ट्रेडिंग क्या होता है?
इसी तरह अगर यदि हम ट्रेडिंग की बात करते है तो अगर आपने अच्छे से स्टडी करके
ट्रेड किया तो 2-3 साल मे आप अमीर बन सकते हो |
ट्रेडिंग एक बहुत पुराना कन्सेप्ट है किसी भी सामान्य वस्तू को कम प्राईज पर खरीद
कर ज्यादा प्राइस पर बेचने को ट्रेडिंग कहते है |
शेयर मार्केट मे भी ट्रेडिंग का वही कन्सेप्ट लागू होता है,
कम प्राईज पर शेयर खरीद ना और जादा प्राईस पर शेयर को बेच देना |
ट्रेडिंग में पैसे बहुत कम समय के लिए इन्वेस्ट किया जाता है जैसे की पाच मिनिट या
एक घंटा या एक सप्ताह |
ट्रेडिंग मै आपको कंपनी के शेअर का प्राइस और मार्केट सेंटीमेंट से मतलब होता है इस
कारण इसमे जादा रिस्क भी होता है |
शेअर मार्केट मे कोई भी बडे से बडा दिग्गज हो व सिर्फ अंदाज लगा सकता है कोई भी
हर समय के लिए सही नही हो सकता इस कारण से ट्रेडिंग ज्यादा रीस्की माना जाता है|
दोस्तो स्टॉक मार्केट में Investment / ट्रेडिंग करनी है तो आपका एक डीमैट अकाउंट
होना जरूरी होता है .आप चाहे तो Angelone में अपना डीमैट अकाउंट खुलवाके
Investment या ट्रेडिंग की शुरवात कर सकते है |
इन्व्हेस्टमेंट और ट्रेडिंग में रिस्क और रिवॉर्ड :
ट्रेडिंग और Investment दोनो मे रिस्क रिवार्ड काफी अलग होते है |
जब आप Investment करते हो तो अवरेज आपको 12 प्रतिशत का एनुअल रिटर्न मिल सकता है|
और ट्रेडिंग की बात करे तो मंथली 12 प्रतिशत का रिटर्न या उससे जादा भी रिटर्न आपको मिल सकता है |
यदि इसे एनुअल से नापते है तो 144% होता है |
शेयर मार्केट मे रिवार्ड हमेशा रिस्क के साथ ही आता है यदि कम रिस्क लेंगे तो रिवार्ड भी कम ही मिलेगा |
यदि आप जादा रिवॉर्ड चाहते है तो आपको रिस्क भी ज्यादा ही लेना पडेगा |
आज भारत में 90% ट्रेडर्स अपने पैसे गवा देते है जब की 90% इन्वेस्टर्स शेअर मार्केटचे खूब पैसा कमाते है |
इससे हम यह समज़ सकते है की इन्वेस्टींग मे रिस्क बहुत कम होता है जब की ट्रेडिंग मे रिस्क बहुत ज्यादा होता है |
Investment मै आपको डीव्हीडंट बोनस और कंपाऊंडिंग जैसी चीजे मिलती है जो की आपको ट्रेडिंग में डिव्हीडंट बोनस कंपाऊंड नही मिलेगा |
Investment एक “Passive Income” का सोर्स होता है जिसमे कुछ किए बिना भी
आपका पैसा बढता है और आपको ज्यादा प्रॉफिट बना के देता है |
जब की ट्रेडिंग एक “Active Income” का सोर्स होता है ट्रेडिंग के लिए आपको रोज
आपका टाईम देना होगा,आपको मार्केट की रोज न्यूज पढ़नी होगी, इसी के साथ ट्रेडिंग
करने के लिए मार्केट खुलने से लेकर मार्केट बंद होने तक आपको ऍक्टिव्ह रहना
होगा और चार्ट पर नजर रखनी होगी |
ट्रेडिंग मे डिसिप्लिन ओर कन्सिस्टन्सी रहना भी सबसे महत्वपूर्ण है |
यदि सारांश देखा जाये तो इन्वेस्टिंग मै आपको कम मेहनत करके और कम रिस्क लेके आप जादा पैसा बना सकते हो |
जब की ट्रेडिंग मै आपको मेहनत भी ज्यादा करने होगी आपको रिस्क भी ज्यादा लेना होगा और आपको टाइम भी ज्यादा देना पडेगा |
ट्रेडिंग और इन्व्हेस्टमेंट के लिये कैसा ज्ञान चाहिये?
Investment के लिए आपको फंडामेंटल अनालिसिस की जरूरत होती है जहा आपको कंपनी के सारे डिटेल्स पढ़णे होते है|
जैसे की कंपनी के अन्युअल रिपोर्ट क्वार्टरली रिपोर्ट आदि इन्व्हेस्टमेंट के लिए कंपनी
से जुडी हर एक बेसिक चीज को आपको स्टडी करना होता है|
और यह analise करना होता है कि फ्युचर मे उस कंपनी के ग्रोथ के चान्सेस कैसे है
यदि आप एक भी अच्छी कंपनी चुनकर उसमे निवेश करते है तो लॉंग टर्म में वह कंपनी
आपको दस गुना भी रिटर्न दे सकती है |
जब की ट्रेडिंग में आपको सिर्फ प्राईस से मतलब होता है |
एक सक्सेसफुल ट्रेडर बनने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस का अध्ययन करना होगा |
इसी के साथ साथ ट्रेडिंग के लिये आपके इमोशन्स और लालच पे कंट्रोल अत्यंत जरुरी है |
ट्रेडिंग के लिए आपको रेगुलर मार्केट न्यूज से अपडेट रहना होता है |
ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको चार्ट पे बहुत ज्यादा पकड होनी चाहिये | कैंडलस्टिक पॅटर्न, चार्ट पॅटर्न, इंडिकेटर्स को आपको अच्छे से समजना होगा |
आपको ट्रेडिंग मे जल्द से जल्द डिसिजन लेने की जरुरत होती है |
आपके लिये ट्रेडिंग बढिया है या इन्व्हेस्टमेंट :
आपका आखरी लक्ष क्या है इसके उपर यह डिसाइड होगा की आपके लिए ट्रेडिंग बेहतर है या इन्वेस्टींग आप कितना रिस्क ले सकते है आप डिसिप्लिन है या नहीं |
आप शेअर मार्केट के लिए कितना समय दे सकते है |
Investment में पैसा आपके लिए काम करता है आप पैसे के लिए काम नही करते है|आम तोर पर लॉन्ग टर्म Investment किसी फ्युचर गोल या रिटायरमेंट प्लॅनिंग के लिए किया जाता है|
जैसे की यदि किसी को दस साल बाद घर खरीदना हो तो सॅलरी और बँक की इनकम
के भरोसे यह काम काफी मुश्किल होता है दस साल पैसे बचाने पर भी घर खरीदने के
लिये आपको होम लोन की जरुरत पड सकती है |
लेकिन इन्वेस्टिंग करके आप दस साल मे काफी जादा पैसा बना सकते है और इसकी मदत से आपके घर खरीदने के सपने को पूरा भी कर सकते है |
और बात करे आप ट्रेडिंग की तो यहा पर आप का आखरी गोल होता है पैसे कमाना, यहा पर आप पैसे के लिए काम करते है, ना की पैसा आपके लिए काम करता है |
ट्रेडिंग आप तभी कर सकते हो जब आप मानसिक तौर पर बहुत स्ट्रॉंग हो ,आप रिस्क लेने में रुची रखते हो, और प्रॉफिट या लॉस दोनो भी आपकि झेलणे की क्षमता हो |
एक सक्सेसफुल इंट्राडे ट्रेडर आमतौर पर लाख रुपये रोज या उससे ज्यादा कमाते हुए दिखता है लेकिन हर किसी को उस स्टेज तक पोहोचणे के लिए काफी मेहनत करनी पडती है |
नही तो आप 90% अनसक्सेसफुल ट्रेडर की लिस्ट में शामिल हो जायेंगे |
आशा करता हु इस आर्टिकल से आपको Investment और ट्रेडिंग के बारे मे काफी कुछ सीखने को मिला होगा |
इन दोनो मे से आपके लिए क्या बेस्ट है यह भी आप अच्छे से डिसाईड कर सकेंगे |
FAQ – FREQUENTLY ASKED QUESTIONS
1) आज के समय में ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है ?
2) ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ?
3) शार्ट टर्म ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकार कोण से है ?
Intraday Trading
Swing Trading
Position Trading
4) Investment किसे कहा जाता है ?
निष्कर्ष
What Is Better For You Investment vs Trading In Hindi आर्टिकल में हमने देखा की Investment vs Trading क्या है और कैसे काम करते है।
Investment vs Tradingकी बरीकियोको जानने के बाद निवेश करना आसान होगा और मुनाफा कमानेमें आसानी होगी।
इस आर्टिकल में हमें Investment vs Trading की पूरी जानकारी आसान भाषा में बतानेकी कोशिश की है।
Investment vs Trading के फर्क समझते हुए Investment और Trading कुछ पैलुओंपर भी विश्लेषण देखा है।
इसके साथ हमने रिस्क रिवार्ड रेश्यो की भी जानकारी देखि है।
उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आई होगी।