IPO Meaning In Hindi: What is IPO,निवेश करने से पहले आईपीओ की बारीकियां समझना क्यों है जरुरी

Table of Contents

IPO Meaning In Hindi की पोस्ट में हम आईपीओ की पूरी जानकारी देखेंगे- स्टेजेस, फायदे और नुकसान के साथ कोई भी कंपनी पुब्लिक कैसे और क्यो होती है | What is IPO?

IPO  या Initial Public Offering एक प्रक्रिया होती है जिस की मदत से privet कंपनी public बन जाती है।

आपने बहुत सारे लोगो को कहते हुए सुना होगा की हमने फलाने कंपनीने इन्वेस्टमेंट किया और हमारा पैसा कुछ दिनो मे दुगना हो गया|

क्या सच मे ऐसा कुछ हो सकता है? हम कैसे इन्व्हेस्टमेंट कर सकते है?क्या आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करके कुछ नुकसान भी होता है ?

IPO Meaning In Hindi की पोस्ट में हम आई पी ओ का पूरा गेम आज हमसमझने की कोशिश करेंगे….

2020 -21 में IPO संग्रह में पिछले 10 वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा उछाल था, क्योंकि द्वितीयक बाजार (secondary market) में दूसरी COVID-19 लहर के कारण सुधार देखा गया, IPOs का रोल-आउट धीमा हो गया।

अब COVID मामले में छोटे एड ने फिर से बाजार की धारणा में सुधार किया है, जिससे द्वितीयक बाजार स्थिर हो गया है और कंपनियां फिर से IPOs दाखिल करने के लिए वापस आ गई हैं।

Year 2011-2012Year 2012-2013Year 2013-2014Year 2014-2015Year 2015-2016Year 2016-2017Year 2017-2018Year 2018-2019Year 2019-2020Year 2020-2021
5,9646,4311,2082,95714,42427,43889,47919,80521,15139,676
IPO Meaning In Hindi info

आईपीओ में हमें से काफी सारे लोग इन्वेस्ट तो करना चाहते हैं लेकिन उसका पूरा प्रोसेस समझ नहीं पाते और क्या सही है क्या गलत है यह भी एनालाइज नहीं कर पाते ब्लॉक में हम आईपीओ को विस्तार से समझेंगे

आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक आफरिंग(Initial Public Offering)  जब भी कोई कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए  शेयर मार्केट से पैसा इकट्ठा करती है उसे हम IPO कहते हैं |

हम कुछ चीजों का मतलब और उनका रोल भी समझेंगे जैसे कि Book building issue,Fix price issue,Investment bank role,Underwriter role, 

Stages Of Funding For Ipo

Stages Of Funding For IpoPin

IPO Meaning In Hindi

1)Promoter funding

जो फाउंडर होता है कंपनी का वह खुद खुद की जेब से कंपनी स्टार्ट करने के लिए पैसा इनवेस्ट करता है उसे हम प्रमोटर फंडिंग कहते हैं प्रमोटर के फ्रेंड्स फैमिली मेंबर भी इसमें इन्वेस्टमेंट करते हैं|

2)Angel Investor Funding

प्रमोटर की फंडिंग के बाद कंपनी थोड़ा जब ग्रो होती है तब एंजल इन्वेस्टर कंपनी में थोड़ा पैसा डालता है उसे एंजल फंडिंग कहते हैं| 

3)Venture Capital & Private Equity Funding

वेंचर कैपिटल एंड प्राइवेट इक्विटी फंड जब कंपनी में पैसा डालते हैं उसे stage3 फंडिंग भी कहते हैं|

4)IPO (Initial Public Offering)

रिपब्लिक में क्या होता है कि कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और आईपीओ में कुछ इन्वेस्ट करते हैं उसे इन्वेस्टर्स कहते हैं|

अलग अलग टाइप के हो सकते हैं इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स कंपनी के एंप्लाइज  आदि आईटीओ को प्राइमरी मार्केट भी कहा जाता है| 

एक होता है प्राइमरी मार्केट और दूसरा होता है सेकेंडरी मार्केट दोनों में से महत्वपूर्ण डिफरेंस यह है कि प्राइमरी मार्केट में जब हम इन्वेस्टमेंट करते हैं

तो कंपनी हमें शेयर्स भेजती है सेकेंडरी मार्केट में जब कोई डील होती है तब यह डील बायर और  सेलर के बीच में होती है|

 प्राइमरी मार्केट में कोई शेर लेना है तो हमें वह ठीक  लौट(lot)में लेना पड़ेगा सेकेंडरी मार्केट में हम सिंगल क्वांटिटी भी खरीद या बेच सकते हैं|

IPO Meaning In Hindi में हमने आईपीओ की Stages Of Funding विस्तार से बताई है।

कंपनी को Ipo की जरूरत क्यों पड़ती है?

जब भी कोई कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए (Business Expansion) शेयर मार्केट से पैसा इकट्ठा करती है उसे हम IPO कहते हैं

कंपनी को Ipo की जरूरत क्यों पड़ती है?Pin

IPO Meaning In Hindi  

कंपनी के आईपीओ लाने के पीछे बहुत सारे मकसद भी हो सकते हैं जैसे कि:-

  1. बिजनेस  बढ़ाने के लिए|
  2. अगर कंपनी ने ऑलरेडी कुछ कर ले लिए हैं बिजनेस करने के लिए तो उसको भी कंपनी आईपीओ से जो राशि इकट्ठा होगी उसको Repay कर सकती है |
  3. Exit to Previous Investors :-

कंपनी में कुछ निवेश इन्वेस्टर्स भी होते हैं जैसे कि हमने बात की वेंचर कैपिटल जब प्राइवेट इक्विटी फंड्स के बारे में तो उनको एग्जिट करने के लिए आईपीओ के बाद एक्सचेंज पर लिक्विडिटी मिल जाती है|

और और और इजीली शेयर को बेचकर एग्जिट हो सकते हैं| 

IPO का प्रोसेस कैसे होता है? 

इन्वेस्टमेंट बैंक क्या होता है और उसका रोल क्या है?

 जो कंपनी पब्लिक इश्यू लांच करना चाहती है वह सबसे पहले इन्वेस्टमेंट बैंक(investment bank)को हायर करती है|

Pin

 इन्वेस्टमेंट बैंक (I-Banks)को हम मर्चेंट बैंक भी कह  सकते हैं

इनका काम होता है आईपीओ की मार्केटिंग करना जिससे शेयर इजीली सेल हो पाए|

कंपनी का वैल्यूएशन प्राइसिंग डी इन्वेस्टमेंट बैंक डिसाइड करता है इन्वेस्टमेंट बैंक का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क भी अच्छा होना चाहिए|

बहुत सारे इन्वेस्टमेंट बैंक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर के साथ मिलकर भी काम करते हैं|

IPO Meaning In Hindi

Due Diligence & Filings 

कंपनी इन्वेस्टमेंट बैंक को हायर करने के बाद बाकी सब प्रोसेस इन्वेस्टमेंट बैंक देखता है जैसे कि शेर को बेचना उसका फिक्स कमिटमेंट कंपनी को देना उसी के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण काम भी इन्वेस्टमेंट बैंक करता है |

जिसे हम डीआरएचपी कहते हैं ड्राफ्ट रेड हियररिंग प्रोस्पेक्टस यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है जिसमें कंपनी के बारे में पूरी जानकारी विस्तार में दी जाती है |

जैसे कि कंपनी का हिस्टोरिकल ट्रैक रिकॉर्ड कंपनी के अकाउंट, कंपनी का बिजनेस मॉडल,कंपनी के कॉन्पिटिशन बिजनेस, कंपनी में  रिस्क  फैक्टर क्या है |

कंपनी के प्रमोटर के बारे में सभी चीजों को इस डॉक्यूमेंट में लिखा जाता है जिससे इन्वेस्टर यह पढ़ सके और अपना निवेश कर सके क्योंकि निवेशक को अगर पूरी जानकारी होगी तो वह कंपनी में इन्वेस्टमेंट करेगा|

Compliances & Filings

 कंपनी को लिस्ट करने के लिए काफी कानूनी चीजों से गुजरना पड़ता है जो कि कोई एक्सपर्ट कर सकता है  यह काम भी इन्वेस्टमेंट बैंक करता है

Pricing 

कंपनी का प्राइस डिसाइड करना है कंपनी के नंबर ऑफ शेयर्स डिसाइड करना कंपनी का प्राइस बैंड डिसाइड करना यह सभी चीजें इन्वेस्टमेंट बैंक डिसाइड करता है दो तरह के  यीशु होते हैं जैसे कि

Valuation of company 

  1. Fixed price issue
  2. Book building Issue

           a)Price band (Floor Price & Cap Price)Max Diffence 20 % only 

Distribution & Promotion 

 Shares का डिस्ट्रीब्यूशन किस कैटेगरी में किसने जाना चाहिए और प्रमोटर के पास कितने रहेंगे और पब्लिक को कितना भेजना है यह सभी चीजें इन्वेस्टमेंट बैंक की एक करता है

Application Process (3 to 5 days)

एक बार कंपनी ने डिसटीब्यूशन नेटवर्क और प्रमोशन कर लिया तो इन्वेस्टर्स के मन में एक इंटरेस्ट तैयार होगा कि इस कंपनी में इन्वेस्ट किया जाए तब एप्लीकेशन प्रोसेस शुरू होती है |

एप्लीकेशन हो सकता है ज्यादा भी हो जाए , एप्लीकेशन प्रोसेस में बहुत सारी कंपनियों का आईपीओ ओवरसब्सक्राइब्ड होता है जिसमें मानो कंपनी के पास 10 करोड़  है |

how to check ipo on sebi websitePin

What is IPO?

और उसके पास एप्लीकेशन आते हैं 20 करोड से उसके तो ऐसे केसेस में हर इन्वेस्टर को आईपीओ में शेयर मिलेंगे ही यह हम कह नहीं सकते यह लकी ड्रा तरीके से  शेयर बांटने(Shares Allotment) का काम होता है.. 

IPO में अप्लाई करने पर शेयर मिल जाए इसके लिए कोई ट्रिक है क्या?

 आईपीओ में हम जब अप्लाई करते हैं तो वहां अगर ज्यादा एप्लीकेशन आते हैं तो चांसेस कम हो जाते शेयर्स मिलने के ऐसे समय हमें एक बात ध्यान रखनी है कि हमें एक डिमैट अकाउंट से एक ही एप्लीकेशन करना है |

एक पैन नंबर से हम एक ही एप्लीकेशन को Apply कर सकते हैं हम हमारे फैमिली मेंबर्स के डिमैट अकाउंट ओपन करके सभी के हाथों से एक एक एप्लीकेशन अगर आप Apply करेंगे तो चांसेस हमारे बढ़ेंगे शेयर्स अलॉटमेंट होने के…एप्लीकेशन प्रोसेस 3 से 5 दिन के लिए  चालू रहता है| 

UPI & ASBA(Application Supported Blocked Amount) यह दोनों तरीके से एप्लीकेशन रिसीव करना एक्सेप्ट कर दिया है

Shares Allotment

जैसे कि कोई स्टूडेंट अगर गवर्नमेंट एग्जाम की प्रिपरेशन करता है और जब एग्जाम का फॉर्म ऑनलाइन तरीके से फील होता है तब हर कैटेगरी को अलग-अलग कोटडी सेट किया होता है|

जैसे कि ओपन कैटेगरी के लिए कितने सीट रहेंगे ओबीसी कैटेगरी के लिए इतने सिर्फ रहेंगे उसी तरह से उसका भी एक कोटा होता है जोकि से भी डिसाइड करता है इसमें से मुख्यतः तीन तरह के  पार्टिसिपेंट होते हैं|

  1. QIBS 
  2. Non-Institutional Investors
  3.  Retail Investors 
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IPO Meaning In Hindi

कोई कंपनी के बारे में अगर हमें फंडामेंटल तौर पर अच्छाई या बुराई जाननी है तो हम मीटिंग के आखिरी दिन NSE  की वेबसाइट पर जाकर रिटेल इन्वेस्टर्स का कोटा(QUOTA) देख सकते हैं|

जिसे हम आर आय आय (RIIs)कहते हैं रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर का कोटा अगर 5 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हो गया है तो वह कंपनी अच्छी मानी जाती है| 

 हम QIB और नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर नहीं देखेंगे क्योंकि वहां पर मैनिपुलेशन होने के भी संभावना होती है|

Listing On Stock Exchange  जब शेर के अलॉटमेंट होती है तब आखिरी स्टेप होता है  Shares  की एनएसई और बीएसई लिस्टिंग करना|

क्या सच में आईपीओ में Investment करके हमें मुनाफा मिलेगा?

IPO Meaning In Hindi के इस ब्लॉग में जानते है की क्या आईपीओ से हमें मुनाफा होगा

अगर आपकी कोई जमीन है और आप उसे बेचना चाहते हैं तो आप उसे ज्यादा से ज्यादा भाव में बेचना चाहेंगे ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट आप कमाना चाहेंगे यह स्वाभाविक बात है|

उसी तरह कंपनी आईपीओ से शेयर हमें फेयर प्राइस में नहीं  देना चाहती  कंपनी इन्वेस्टमेंट बैंकर के साथ मिलकर एक रुपए की चीज के बदले ₹10 कमाना चाहती है|

कंपनी कभी चैरिटी नहीं करती सिर्फ  शेयर  बेचकर कंपनी महंगे भाव पर शेयर बेचकर निकल जाती है|

 तो हमें यह पॉइंट नोट करना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में आईपीओ जो बेच रहा होता है|

वह उसके फेवर में होता है इसका मतलब सब आईपीओ इसी तरह के होते हैं ऐसा नहीं है|

ipoPin

What is IPO?

कुछ क्वालिटी आईपीओ भी आते हैं  तो आप आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने से पहले कंपनी का वैल्यूएशन ठीक से समझ कर इन्वेस्टमेंट करें यही हमारी सलाह रहेगी|

GMP(Grey Market Premium) IPO क्या होता है?

 ग्रे मार्केट प्रीमियम यो एक अनऑफिशियल मार्केट होता है जो कि कंपनी का आईपीओ आने से पहले चलता है|

इसमें कंपनी का प्राइस लिस्ट होने के बाद कौनसे प्राइस तक जा सकता है इसका एक अंदाजा लिया जाता है बहुत बार ग्रे मार्केट प्रीमियम और रियल मार्केट के भाव एक जैसे नहीं होते|

आईपीओ के फायदे और नुकसान 

यदि आप आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि आईपीओ में जितना फायदा होता है उतना नुकसान भी हो सकता है|

आईपीओ के माध्यम से कंपनी पहली बार एक्सचेंज पर लिस्ट हो रही होती है इसलिए कंपनी का शेयर का भाव मार्केट को कैसा लगेगा यह किसी को भी मालूम नहीं होता है| 

आईपीओ के फायदे और नुकसान जाने के लिए यह ब्लॉग पढ़ते रहिए इसमें बहुत सारी रोचक जानकारी आपको सुनने को मिले| 

IPO के फायदे 

यह काम निवेशक उन्हीं कंपनियों में निवेश के बारे में सोचता है जो कंपनियां ऑलरेडी एक्सचेंज पर लिस्टेड है लेकिन लेकिन आईपीओ हमें यह मौका देता है कि कोई कंपनी का शेयर लिस्ट होने से पहले हम उसे पकड़ सके|

IPO Meaning In Hindi की इस पोस्ट में आईपीओ के फायदे क्या है ये जानते है। 

1) लिस्टिंग गेन

 जब भी कोई कंपनी अपना आईपीओ मार्केट में लेकर आती हैं तो वो पहले से अपने शेयर का इशू प्राइज  तय  करती हैं।

यदि IPO लेकर आने वाली कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हैं और कंपनी लगातार मुनाफा  बना रही हैं और उसे लगातार बढ़ा रही हैं तो काफी ज्यादा निवेशक कंपनी के शेयर में निवेश करते हैं।

लिस्टिंग गेन को हर एक उदाहरण के तौर पर समझने की कोशिश करते हैं|

मान लीजिए कोई कंपनी ₹200 पर अपना शेयर प्राइस यीशु कर रही है और कंपनी का ट्रैफिक और भी अच्छा है इसके चलते कंपनी को अच्छे खासे सब्सक्रिप्शन भी मिले है|

जिसके चलते कंपनी का शेयर प्राइस ₹300 पर लिस्ट हुआ इस तरह यदि आपको इस कंपनी का अलॉटमेंट पड़ा हुआ है तो आप शेयर को बंद कर ₹100 का मुनाफा कमा सकते हो| 

2)अधिक ज्ञान की जरूरत नहीं

अगर किसी व्यक्ति को लिस्टिंग अगेन के माध्यम से अच्छा खासा मुनाफा कमाना है तो उसे स्टॉक मार्केट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो भी वह आईपीओ के माध्यम से यह चीज कर सकता है|

आईपीओ के माध्यम से इन्वेस्टमेंट करने के लिए ज्यादा रिसर्च की जरूरत तब होती है जब आप लंबी अवधि के लिए कोई कंपनी में निवेश करने की सोच रहे हैं |

3)कम इन्वेस्टमेंट की जरूरत 

रिटेल इन्वेस्टर को आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने के लिए अधिकतम ₹15000 की जरूरत होती है मित्रों व्यक्ति के पास अगर कम पूंजी है तो भी वह आईपीओ के जरिए मार्केट में इन्वेस्टमेंट कर सकता है| 

4)कम समय में भारी मुनाफा कमाने का मौका 

आईपीओ को अपलोड करने से आईपीओ की लिस्टिंग होने तक अधिकतम 10 से 12 दिन का अवधि लगता है यदि आईपीओ अच्छे प्रीमियम पर लिस्ट होता है तो बहुत कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं|

कोई अच्छी कंपनियों के आईपीओ आईपीओ डबल प्रीमियम के साथ लिस्ट होते हैं जिसके कारण आपका पैसा 10 से 12 दिन में डबल हो जाता है| 

5)पारदर्शिता 

जब भी कोई कंपनी अपना आईपीओ लगती है तो उसे सेबी की चेक लिस्ट से गुजरना होता है सेबी हमेशा निवेशक का ख्याल रखती है उनके साथ कोई धोखाधड़ी ना हो इसलिए कार्यरत होती है| 

यदि आप आईपीओ लाने वाली कंपनी के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो आप सेबी की वेबसाइट से डीआरएचपी डॉक्यूमेंट पढ़ सकते हो इसमें कंपनी का पूरा रिकॉर्ड हमें पढ़ने को मिलता है| 

उम्मीद है आपको आईपीओ के फायदे के बारे में समझ में आया होगा अभी हम आईपीओ के नुकसान के बारे में थोड़ा डिसकस करेंगे|

IPO के नुकसान 

IPO Meaning In Hindi की इस पोस्ट में आईपीओ के नुकसान क्या है ये जानते है।

1)आईपीओ में नुकसान मार्केट की स्थिति पर निर्भर होता है

मार्केट में दो तरह के फेस होते हैं एक होता है Bull फेज और दूसरा होता है Bear फेज 

यदि मार्केट  Bull फेज  में है तो आईपीओ में आपको ज्यादा मुनाफा हो सकता है|

और यदि मार्केट Bear फेज मैं है  तो अच्छा आईपीओ  भी  आपको नुकसान दे सकता है जैसा कि कोरोनावायरस  के टाइम में sbicards के साथ हुआ था

इस कारण आईपीओ में निवेश करने से पहले आपको बाजार की स्थिति को ध्यान से देखना जरूरी है 

2)लिक्विडिटी(Trading Volume) की समस्या

जींस शर्ट की डिमांड मार्केट में कम होती है उन चोरों के साथ हमें लिक्विडिटी की समस्या से उलझना पड़ सकता है| 

3) आरटीओ में नुकसान का कारण विंडो ड्रेसिंग

कई बार कंपनियां अपनी पोजीशन को अच्छा दिखाने के लिए विंडो ड्रेसिंग की हेल्प ले सकती है विंडो ड्रेसिंग जाने कंपनी अपनी अच्छी छवि दिखा कर खुद के शेयर्स ज्यादा से ज्यादा  बेचती है| 

4)SME IPO(SMALL MEDIUM ENTERPRISES)मैं इनवेस्ट कर देना 

यह भी एक घाटे का सौदा हो सकता है ऐसे में आईपीओ यानी ऐसी कंपनियां जिनका साइज छोटा होता है इनमें इन्वेस्टमेंट की राशि भी ज्यादा होती है तकरीबन एक लाख के करीब इन्वेस्टमेंट लग सकता है| 

आमतौर पर निवेशक को ऐसे में आईपीओ में तभी इन्वेस्टमेंट कर देना चाहिए जब वह बिजनेस के बारे में शाश्वत हो|

तो दोस्तों आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको एक डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है जो कि आप एंजल ब्रोकिंग में ओपन कर सकते हो यह एक सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर है|

आईपीओ में अलॉटमेंट के चांसेस बहुत बढ़ाने के लिए आप आपके फैमिली मेंबर्स का भी डिमैट अकाउंट ओपन कर सकते हो और उनसे भी एप्लीकेशन को सबमिट कर सकते हो जिससे आप के चांसेस बढ़ जाए| 

IPO Meaning In Hindi में ये थी आईपीओ की पूरी जानकारी अब बरी कुछ सवालोंके जवाब जानने की

FAQ – Frequently Asked Questions

1) Ipo में (Bid) कैसे लगाएं ?

आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने के लिए हमारा डिमैट अकाउंट होना जरूरी है जो कि सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास होना होता है 

2) 2023 में सबसे अच्छा IPO कौन सा है?

2023 की बात करे तो हम इन आईपीओ पर ध्यान दे सकते है
Avalon Technologies IPO (3-6 Apr)
Signature Global IPO (coming soon)
Radiant Cash Management IPO (23-27 Dec)

3) सही  IPO कैसे चुनना चाहिए ?

वैसे तो IPO सिलेक्शन का कोई फार्मूला नही होता कोनसा  IPO सेलेक्ट करे ये बात हम थोडे अभ्यास से  IPOसेलेक्ट कर सकते है।

4) क्या IPOमें निवेश करना अच्छा है?

अगर हम पूरी जानकारी के साथ एक प्रभावशाली कम्पनीका आईपीओ चुनते है तो वह जरूर हमें लाभ दे सकता है हलाकि शेयर बाजार को अस्थिर ही मन जाता है।

5) IPO की कीमत कैसे तय होती है ?

IPO की कीमत बुक -ब्रीडिंग और बोली लगाकर तय होती है। इसे CUT-OFF price भी कहा जाता है।  

6) क्या हमें Gov- IPO में निवेश करना चाहिए ?

सरकारी कम्पनियो के  IPO ज्यादातर एक फेअर प्राइस में होते है, पर इसका ये मतलब नहीं की हम बिना कुछ छानबीन के इस सरकारी  IPO में इन्वेस्ट करसकते है, तो इस मामलेमे हमें ये ध्यान रखना चाहिए की जब  IPO शुरू होता है तो तीन दिन तक उसे ख़रीदनेकी प्रक्रिया चलती है तो शुरुवाती दो दिनोमे  IPO का Subscription कितना हुवा इसे  ये पता चल सकता है की लोग इस  IPO में कितनी रूचि रखते है।

7) क्या हमें स्माल फाइनेंस कंपनी/ बैंक का ipo खरीदना चाहिए ?

स्माल स्केल के बैंक या फाइनेंस कंपनी के ऊपर सरकार का और sebi के नियमोंका दबाव होता है,उन्हें एक मर्यादित समय के अंदर -अंदर कम्पनीका sebi में रजिस्ट्रेशन करना होता है|

और IPO भी कम्प्लेट करने होते है तो इसी दबाव में आकर ये कम्पनिया IPO की कीमते काम रखती है|

क्योंकि अगर दिए हुए समय में IPO पुरे नहीं हुए तो sebi में रजिस्ट्रेशन नहीं होगा जिसका फाइन कम्पनीको भरना पड़ेगा ऐसेमे कंपनी IPO की कीमतें काम रखरी है।

तो इस प्रकार के IPO भी ख़रीदे जा सकते है|पर फिर से हमें शुरुवाती दो दिनोमे ये दिखाना है की  IPO का Subscription कितना हुवा इसे  ये पता चल सकता है की लोग इस  IPO में कितनी रूचि रखते है।

Conclusion

आने वाले दिनों में कई IPO बाजार में उतरेंगे तो पता करें कि आपको इसमें निवेश करने में सावधानी बरतने की आवश्यकता क्यों है ?

तो इससे पहले है आप को थोड़ा ipo के बारेमे बताना चाहूंगा ,IPO यानि Initial public offering (प्रथम जन प्रस्ताव) यानि ये वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निजी कंपनी (private company) अपने शेयरों को आम जनता को बेचकर सार्वजनिक हो सकती है।आईपीओ के बाद, कंपनी के शेयरों का खुले बाजार में कारोबार होता है।

प्राइमरी मार्किट में ऐसे बहुत से मामले हुए है जिनमें लोगो ने पैसा जुटाया और कुछ समय बाद वह बाजार से गायब हो गए | रातोरात गायब होने वाली कम्पनीकके नाम आप www.watchoutinvestors.com पर देख सकते है|

बेंचमार्क सूचकांक अभी भी 52-सप्ताह के उच्च स्तर से नीचे हैं,लेकिन शेयर बाजार में दिलचस्पी रखने वाले रिटेल निवेशकों में गिरावट का कोई संकेत नहीं है कंपनियां धन जुटाने के लिए initial public offerings (IPOs) के ब्याज से लाभ उठा रही है।

IPO Meaning In Hindi| आईपीओ की पूरी जानकारी। इस पोस्ट की माध्यम से IPO और उससे जुडी सारी जानकारी हम ने आप के साथ साझा की है।

इस पोस्ट में होने आईपीओ की पूरी जानकारी देखि है स्टेजेस, फायदे और नुकसान के साथ कोई भी कंपनी पुब्लिक कैसे और क्यो होती है इस बात की जानकारी हमने  IPO Meaning In Hindi आईपीओ की पूरी जानकारी की इस पोस्ट मि देखि है।

उम्मीद है आपको जे जानकारी रोचक और उपयुक्त लगी होगी।What is IPO?

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