Nifty Meaning in Hindi | Nifty kya hai in hindi | निफ्टी 50 क्या है | सेंसेक्स क्या है | इंडिया विक्स क्या है | निफ्टी में कौन-कौन सी कंपनी हैं | शेयर बाजार में निफ्टी क्या है | इंडेक्स का उपयोग क्या है | Nifty 50 की कंपनियां | निफ्टी कैसे काम करता है |
तो आज की पोस्ट में हम जानेंगे की भारतीय शेयर बाजार में सूचकांक क्या है | और Indian Share Market Indices की आवश्यकता क्या है | और India VIX & Nifty 50 की सम्पूर्ण जानकारी, VIX India से Calculate करें कल NIFTY कहाँ जायेगा |
विश्व स्तर पर बात करे तो शेयर बाजार लगभग 48 देशो में है सभी को इंडेक्स की जरुरत पड़ती है |
सूचकांक की बात करे तो विश्व स्तर पर बात करे तो डॉव जोन्स, S&P 500, नैस्डैक, DAX 30, आदि जैसे नाम अग्रस्तान पर आते है | लेकिन हम में से बहुतों को यह पता नहीं है कि इन सूचकांक के पीछे क्या लॉजिक है ? और हम विश्व स्टॉक सूचकांकों कीमतों में बदलाव से कैसे मुनाफा उठा सकते हैं। यह जानने के लिए अगर आप इछुक है तो आप सही जगह पर है |
विश्व के सबसे बड़े स्टॉक इंडेक्स की बात करे तो, पहला नाम आता है S&P 500 सूचकांक जो की अमरिकी शेयर बाजार का है यह इंडेक्स कुल मार्केट का ८०%मार्केट का प्रतिनिधित्व करता है | वैश्विक शेयर बाजारों के Market Capitalization का लगभग आधा S&P 500 सूचकांक है |
यह समज़ना महत्वपूर्ण है कि स्टॉक इंडेक्स “Price Movement” का मतलब यह नहीं है कि इंडेक्स में शामिल हर एक शेयर का भाव ऊपर या नीचे जाता हैं। कुछ शेयरों की कीमत बढ़(Increase) सकती है, जबकि अन्य शेयर घट(Decrease) सकते हैं। उदाहरण के लिए: स्टॉक इंडेक्स की कीमत बढ़ सकती है यदि अधिकांश शेयरों की कीमत बढ़ती है या इंडेक्स में अधिक Weightage वाले शेयरों की कीमत बढ़ जाती है | स्टॉक इंडेक्स की कीमत गिर सकती है यदि अधिकांश शेयरों की कीमत नीचे जाती है या इंडेक्स में अधिक Weightage वाले शेयरों की कीमत नीचे जाती है|
विश्व के प्रमुख शेयर सूचकांक
अमरीकी स्टॉक इंडेक्स(US MARKETS):
Dow Jones
S&P 500
Nasdaq
यूरोपीय स्टॉक सूचकांक(EUROPEAN MARKETS):
FTSE United Kingdom
CAC40 France
DAX 30 Germany
Eurostoxx 50 the whole eurozone
SMI 20 Switzerland
एशियाई शेयर सूचकांक(ASIAN MARKETS):
SGX Nifty
Nikkei 225
Straits Times
Hang Seng
Taiwan Weighted
KOSPI
Jakarta Composite
Shanghai Composite
भारत में Share Market में निवेश करने वाले लोगो के लिए Share Market Index एक बहुत महत्व पूर्ण बात है ऐसा क्यो है ये जानने के लिए Share Market Index के उपयोग देखते है।
Share Market Indices के उपयोग | इंडेक्स का उपयोग क्या है?
मार्केट की दिशा समझने में मदत करता है
मार्केट के Mood दो तरह के होते हैं एक होता है तेजी(Bullish Market) का और दूसरा होता है मंदी(Bearish Market) जिससे हम तेजी या मंदी का सौदा करके प्रॉफिट कमाते हैं
अगर आप मुझे पूछेंगे कि आज मार्केट का मूड कैसा है ?
वैसे तो मार्केट में 5000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है तो हर एक कंपनी का प्राइस देखकर मार्केट का मूड डिसाइड करना यह पॉसिबल नहीं होता है तो इसके लिए हम इंडेक्स को देख सकते हैं इंडेक्स हमें मार्केट के अंदर बड़ी-बड़ी कंपनियों में क्या चल हो रही है इसका अंदाजा देता है जिससे हम यह निष्कर्ष कर पर आ पाएंगे कि हमें मार्केट में पैसे लगाने के लिए कौन सी स्ट्रेटजी(Strategy) यूज करनी चाहिए|
स्टॉक का चुनाव करने मे मदत होती है
Share Market में कई सारी कंपनियां लिस्टेड होती है जिनमें से कुछ चुनिंदा कंपनियों की परफॉर्मेंस को देखते हुए उन कंपनियों को Index किया जाता है यानी Share Market Index की मदद से आसानी से अच्छे स्टॉक्स को चुन सकते हैं।
प्रतिनिधित्व करता है
शेयर बाजार में निवेश यानी जोखिम ऐसा हर निवेशक को कहीं ना कहीं लगता रहता है। लेकिन Share Market Index की मदद से से निवेश में आसानी हो सकती है। क्योंकि Share Market Index अच्छी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह nse -niffty इसकी और बीएसई सेंसेक्स को भारत में बेंच मार्क माना गया है।
तुलना करने में मदद करता है
जब भी हम किसी भी शेयर को अपने पोर्टफोलियो में add करने की बात करते हैं तब Share Market Index की मदद से हम सभी शेयर को टटोल सकते हैं ताकि उनकी तुलना करते हुए अच्छे स्टॉक का चयन कर सके।
स्टॉक इंडेक्स में निवेश कैसे करें?
स्टॉक सूचकांक में निवेश करने के लिए पहला कदम एक Dmat Account सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर के साथ जैसे की Angel One के साथ खोलना है। फिर आपको एक Mobile Application डाउनलोड करना होगा जो आपको निवेश करने के लिए मदत करेगा |
Indices में हम विभिन्न वित्तीय उपकरणों(Trading Instruments)की मदत से निवेश कर सकते है |
जैसे की;
Index Futures
Index Options
ETF Exchange Traded Funds
Index Funds
ईटीएफ के बारे में यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
ETF एक प्रकार का इन्वेस्टमेंट है जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है |
ETF में निवेश के फायदे:
ईटीएफ में निवेश करके अलग-अलग सेक्टर में निवेश किया जाता है जिससे निवेश का डायवर्सिफिकेशन होकर रिस्क कम हो जाता है |
ईटीएफ डिविडेंड पर Income Tax नहीं लगता है।
ईटीएफ में निवेश करने से म्यूचुअल फंड्स स्कीम की तरह हमें एग्जिट लोड(Exit Load ) भी नहीं देना पड़ता मतलब कम खर्च लगता है इस तरह हमारा निवेश किफायती बन जाता है ।
एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड की स्कीमों के मुकाबले कम है एक्सपेंस रेशियो 0.5 से 1% के बीच होता है।
Index Funds
इंडेक्स फंड में निवेश करना यानी म्यूचुअल फंड(Mutual Funds) में निवेश करना जहां किसी खास index के शेयर में निवेश किया जाता है |
भारतीय शेयर बाजार में सूचकांक क्या है | What are Share market indices in India
भारत घूमने के उद्देसग से आया हुआ पर्यटक अगर भारत के नदियोंके बारेमे जानना चाहे तो आप उसे छोटी छोटी सभी नदियोंके बारेमे थोडिना बताते बैठेंगे आप उसे मुख्या नदीयोंके बारेमे बताएँगे ठिक उसी तरह जब ये पूछ जाता है की Share market index क्या है? तो हम मुख्य index के बारे मे ही जानकारी देते है।
ये सभी NSE और BSE जोकि Stock market के दो मुख्य Exchanges है उनके INDEX है।
इनमेसे NIFTY INDEX, BANKNIFTY INDEX, FINNIFTY INDEX ये तीन NSE के Stock index है और इनमे निवेश किया जा सकता है जब की SENSEX ये BSE का Stock index है जिसमे निवेश नहीं किया जा सकता शायद भविष्य में SENSEX में निवेश करना संभव हो सके।
Nifty50, Bank NIfty और Finnifty ये National Stock Exchange में रजिस्टर सभी कोम्पनिओ की जानकारी प्रोवाइड करते है।
1.NIFTY 50 INDEX |
2.BANKNIFTY INDEX |
3.FINNIFTY INDEX |
4.SENSEX |
5.INDIA VIX INDEX |
What is Sensex | सेंसेक्स क्या है?
Sensex यानि Bombay Stock Exchange Sensitive Index ये इसका पूरा फॉर्म है।
जैसा की हमने Stock Index(लिंक)में देखा सेंसेक्स एक लिस्ट है जहा Bombay Stock Exchange में रजिस्टर की हुई सभी कोम्पनिओ की जानकारी दी गई है।
Sensex जोकि BSE का Stock index है यहाँ Bombay Stock Exchange में रजिस्टर सभी कोम्पनिओ की जानकारी प्राप्त हो जाती है।
Sensex को BSE की 30 सबसे महत्वपूर्ण कोम्पनिओ को मिलकर बनाया जाता है।
Sensex की मदत से हमें क्या जानकारी मिलेगी ?
BSE में रजिस्टर सभी कोम्पनिओ की जानकारी हमें प्राप्त होती है जैसे
जब कोई कंपनी मार्केट में अच्छा perform कराती है तो कम्पनीको मुनाफा होगा और इसका सीधा असत शेयर की कीमत पर दिखाई देगा।
जब सेंसेक्स में तेजी दिखाई देगी तो हम ये कह सकते है की शेयर के भाव बढ़ रहे है और मार्केटमें तेजी आएगी।
इसके विपरीत अगर सेंसेक्स में गिरावट अति है तो हम ये कहा सकते है की कंपनीके शेयर में भी गिरावट आरही है।
यानि बाजार में मंदी आने की ज्यादा संभावना है।
सेंसेक्स कैसे बनता है?
सेंसेक्स 30 कोम्पनिओ को मिलकर बनता है। ये कम्पनिया BSE में रजिस्टर 6000 कम्पनिओमेसे चुनी जाती है।
ये 30 कम्पनिया 13 अलग अलग सेक्टर की होती है।
इन कम्पनिओका चुनाव कैसे किया जाता है ?
हर सेक्टर की कुछ कम्पनिया ऐसी होती है जिनके शेयर रोज ख़रीदे और बेचे जाते है।
यानि ये लोकप्रिय कम्पनिओमे से एक है। उसीके साथ इसके कुछ क्रिटेरिआ बनाये गए है।
एक कमिटी जिसमे सरकार, बैंक , कोर अर्थशास्त्र विशेषक होते है उनके मुताबिक :-
– कम्पनीका शेयर BSE में रजिस्टर होना जरुरी है।
– टॉप 150 की लिस्ट में कम्पनी का नाम होना चाहिए। ये लिस्ट शेयर के डेली ओसत ट्रेडिंग के आधार पे बनाई जाती है।

भारतीय शेयर बाजार में सूचकांक क्या है | What is Nifty 50 | निफ्टी 50 क्या है?
हम Nifty 50 के बारे में पूरी जानकारी देखेंगे जैसे nifty 50 क्या है निफ़्टी की गणना कैसे की जाती है और बहुत कुछ..
चलिए देखते है की NIFTY क्या होती है?जैसा कि हमने पहले भी देखा है nifty50 NSE इंडिया का इंडेक्स है।
NATIONAL STOCK EXCHANGE (NSE) में नमूद की हुई सभी कंपनियों के तेजी और मंदी के बारे में अंदेशा लगाने के लिए निफ़्टी50 का इस्तेमाल किया जाता है।
निफ़्टी भारत का सबसे Popular Stock Index माना जाता है ,यानी यहां ज्यादा मात्रा में ट्रेडिंग की जाती है। इसी लिए इसे Trading Index भी कहा जाता है।
निफ़्टी 50 हमें क्या जानकारी देता है?
निफ़्टी 50 से हमें यह पता चलता है कि NSE इंडिया में लिस्ट की हुई कंपनियां कैसे परफॉर्म कर रही है जैसेअगर किसी कंपनी के शेयर में गिरावट आ रही है|
तो हम यह समझ सकते हैं कि निफ्टी भी मंदी का संकेत देगा। और अगर निफ्टी में उछाल दिखाई दे रहा है यानी कंपनियों के शेयर तेजी में है और अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं।
Nifty 50 कैसे बनता है ?
Nifty50 NSE के टॉप 50 कोम्पनिओ को मिलकर बनता है। यहाँ सभी क्षेत्रो की कम्पनिया मौजूद होती है।
निफ़्टी 50 में शामिल होने वाली कंपनियों का चुनाव एक कमेटी करती है
जिसमें सरकार बैंक बड़े अर्थशास्त्रज्ञ शामिल होते हैं इन लोगों के मुताबिक NSE इंडिया में लिस्ट की गई कंपनियों में से 50 कंपनियां Nifty index बनाने के लिए चुनी जाती है।
Nifty 50 मे कंपनीयो का चयन कोण करता है?
निफ्टी फिफ्टी की कंपनीया चूने के लिए इंडेक्स कमिटी(“Index committee“)का गठन किया गया है |
इंडेक्स कमिटी हरवत चेक करती रहती है की किस कंपनी का शेअर निफ्टी-फिफ्टी मे डालना है और किस कंपनी का शेअर हटाना है |
और कौन सा शेर इंडेक्स मे शामिल किया जायेगा इसका चयन करना बेहत मुश्किल होता है क्योंकि इसके लिए काफी फॅक्टर्स देखे जाते है इन सभी निर्णय का फैसला इंडेक्स कमिटी करती है |
Nifty 50 की कंपनियों का चुनाव किस आधार पर किया जाता है?
किसी भी कंपनी को इंडेक्स में शामिल करते वक्त कुछ चीजों का खास ध्यान रखा जाता है जैसे
-वह कंपनी NATIONAL STOCK EXCHANGE इंडिया में रजिस्टर होनी चाहिए |
-कंपनी अच्छा परफॉर्म करती है या नहीं कंपनी के शेयर मार्केट टाइम में ज्यादा से ज्यादा बार खरीदे और बेचे (Turnover) जाते हैं।
-यह कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों से चुनी जाती है।
इंडेक्स मे स्टॉकस कैसे चुने जाते है?
निफ्टी इंडेक्स ने शेअर चूनते वक्त मुख्यतः दो फॅक्टर्स को ध्यान मे रखा जाता है |
1.Market Capitalization:
भारत मे जीन कंपनी का मार्केट कॅपिटललायझेशन ज्यादा होता है उन कंपनी को इंडेक्स मे रखा जाता है
उसी तरह जितना बडा मार्केट कॅपिटललायझेशन होगा उतना जादा इंडेक्स मे वेटेज बना रहेगा
एक होता है मार्केट कॅपिटलायझेशन Market capitalization दुसरा होता है फ्री फ्लोट मार्केट कॅपिटललायझेशन Free Float Market Capitalization फ्री फ्लोट मॅट मार्केट कॅपिटलैयजेशन का मतलब है की प्रमोटर छोडके जिनके पास कंपनी के शेअर्स है उसकी कुल किंमत |
2.किंमत:
दुनिया के कुछ इंडेक्स ऐसे भी है जो की शेअर की प्राइस को इंडेक्स मे वेटेज देने के लिए आपणाते है यदि इसका उदाहरण समजना है तो नाम आता है,”Nikkei 225 इंडेक्स” का
इस इंडेक्स मे अधिक स्टॉक प्राईस वाली कंपनी के पास जादा वेटेज होता है जो की कम व्हॅल्यू वाले शेरो की तुलना मे इंडेक्स को अधिक प्रभावित करने का काम करता है |
Also see Nifty 50 की कंपनियां
Nifty 50 में कौन कौन सी कंपनियां आती है?

इंडिया विक्स क्या है ?

इसे अस्थिरता सूचकांक “VOLATILITY INDEX/NIFTY VIX/INDIA VIX” कहा जाता है
अस्थिरता सूचकांक India VIX हमें क्या दिखाता है?
वोलेटिलिटी इंडेक्स India Vix को देखकर हम अंदाजा लगा सकते हैं कि अगले 30 दिनों में या अगले 1 साल में निफ्टी कितना उतार-चढ़ाव दिखा सकता है।
इसे एक उदाहरण लेकर समझने की कोशिश करेंगे तो हम कहेंगे कि वर्तमान में विक्स की कीमत 15 है
बाजार निफ्टी की मौजूदा कीमत से 15% ऊपर या 15% नीचे उतार-चढ़ाव कर सकता है।
अगर हम India VIX को सरल भाषा में समझने की कोशिश करें तो हम इसे दिल से समझा सकते हैं
आपके दिल की धड़कन बहुत अधिक नहीं होनी चाहिए और बहुत कम नहीं होनी चाहिए, दोनों ही स्थितियों में आपको समस्या का सामना करना पड़ सकता है, इसका मतलब यह है की India Vix बाजार की धड़कन है। इंडिया विक्स [India VIX] क्या है
इंडिया वीआईएक्स की गणना कैसे की जाती है?
India VIX की गणना करने की विधि बहुत जटिल है और इसे समझना हमारे लिए बहुत कठिन है, लेकिन बाजार में विकल्प ट्रेडिंग (Option Trading )में OTM (आउट ऑफ द मनी) Options Strike में खरीदार और विक्रेता की गतिविधि को ध्यान में रखते हुए India Vix की गणना की जा सकती है।
India Vix में सबसे अधिक उतार-चढ़ाव कब होता है?
बाजार में सुस्ती होने पर India Vix कम वैल्यू दिखाता है, बड़े निवेशक बाजार से दूर होते हैं, एक बड़ी खबर ट्रिगर बाजार में नहीं है।
जब चुनाव जैसा कोई बड़ा आयोजन होता है तो बाजार में थोड़ी खलबली मच जाती है और विक्स के दाम बढ़ने लगते हैं।
India Vix की सामान्य और असामान्य सीमा क्या है?
विक्स की वैल्यू 15 से कम होने का मतलब है कि बाजार सुस्त है। विक्स की वैल्यू 15 से ऊपर और 25 की निचली रेंज में होने का मतलब है कि यह सामान्य (Normal)है।
और अगर विक्स की वैल्यू 25 से ज्यादा है तो यह नॉर्मल नहीं (Abnormal)है।
उदाहरण के तौर पर पुरानी बात करे तो जब अमेरिका में चुनाव हुए तो मिस्टर ट्रंप चुने गए और बाजार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी तब विक्स भी बहुत बढ़ा था
वहीं, मार्च 2020 में जब कोविड की खबर आई और बाजार में डर का माहौल बना तो विक्स की कीमत बढ़ने लगी।
इसका मतलब यह है कि India Vix हमें बताती है कि बाजार बढ़ेगा या गिरेगा, लोमड़ी ही हमें दिखाती है कि बाजार में कितना उतार-चढ़ाव हो सकता है।
शेयर बाजार में इंडिया वीआईएक्स India VIX का क्या उपयोग है?
आप विक्स को देखकर ट्रेड नहीं कर सकते, लेकिन विक्स के स्तर को देखकर ट्रेड जरूर कर सकते हैं।
मुख्य रूप से हमें एक बात याद रखने की आवश्यकता है कि जब vix 25 स्तर से ऊपर हो तो व्यापारियों और निवेशकों के लिए बाजार से दूर रहने में ही समझदारी है।
लोअर विक्स का मतलब कम अस्थिरता है
इसका मतलब है कि ऑप्शन के खरीदार के पास अधिक मुनाफा होने की संभावना कम है
इसका मतलब यह भी है कि अगर विक्स ज्यादा है तो बाजार में ज्यादा हलचल हो सकती है और ऑप्शन खरीदने वाला ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।
VOLATILITY INDEX/NIFTY VIX/INDIA VIX Calculate कैसे करें? कल NIFTY कहाँ जायेगा?
VOLATILITY INDEX/NIFTY VIX/INDIA VIX Calculate कैसे करें? कल NIFTY कहाँ जायेगा?
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार में सूचकांक क्या है इस आर्टिकल में हमने समझा की शेयर बाजार समझने के लिए इंडेक्स एक महत्वपूर्ण साधन है |
इंडेक्स एक सूचकांक है, बड़ी-बड़ी कंपनियों में होने वाली मूवमेंट पर अपनी नजर बनाए रखता है |
भारतीय शेयर बाजार में सूचकांक क्या है सूचकांक हमें ट्रेडिंग को आसान बनाने में हमारी मदद करता है |
निफ्टी में 50 कंपनियां होती है इसका मतलब यह नहीं है कि सभी कंपनियां आपके लिए सही है |
निफ़्टी फिफ्टी कंपनियां इनमें निवेश करना थोड़ा कम जोखिम का हो सकता है क्योंकि इन कंपनियों का “Fundamental Analysis” स्ट्रांग होता है |
जब कोई कंपनी “Fundamental Analysis” में अच्छी होती है तब तेजी(Bullish Market) की साइकिल में यह कब बढ़ेगी लेकिन मंडी(Bearish Market) के की साइकिल में यह कल घटेगी जिससे निवेशक को ज्यादा नुकसान का सामना नहीं करना पड़ सकता है |