किसी भी सक्सेसफुल ट्रेडर के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर बहुत इम्पॉर्टंट होता है क्यूकी यह उन्हे ट्रेडिंग मे होने वाले बडे लॉस से बचाता है| आज हम इस आर्टिकल मे जानेगे की शार्ट सेलिंग और लॉन्ग पोजीशन में स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या होता है इस का इस्तेमाल कैसे करते है और यह कितने तरह का होता है?
इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढे क्यू कि स्टॉप-लॉस कि समज आपको ट्रेडिंग मे होने वाले बडे नुकसान से बचायेगी |
स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या होता है?

स्टॉप-लॉस शब्द दो अक्षरो से बना है पहिला है स्टॉप इसका मतलब है रोकना और दुसरा है लॉस इसका मतलब नुकसान |
स्टॉपलॉस ऑर्डर का मतलब एक ऐसा ऑर्डर जो आपको होने वाले संभावित नुकसान से बचाता है |
जब आप ट्रेडिंग करते हो तो शेयर की प्राईज बहुत कम समय मे बदलती है ऐसे मै आपको तेजी से प्रॉफिट होने के साथ-साथ तेजी से लॉस भी हो सकता है |
बहुत बार ऐसा होता है की लिया हुआ ट्रेड प्रॉफिट में आणे पर आप प्रॉफिट जल्दी बुक कर लेते हो लेकिन यदि लॉस होता है तो आप ट्रेड को स्क्वेअर ऑफ नही करते हो क्यू कि आपको आशा होती है की कुछ समय बात लॉस मे से आप प्रॉफिट मे आयेंगे या आपका लॉस थोड़ा कम हो जायेगा लेकिन काई बार ऐसा होता है की इस इंतजार में आपका लॉस और बढता जाता है और आखिर मे आपको आपका ट्रेड बडे लॉस मे क्लोज करना पड सकता है |
एक फेमस ट्रेडर Ed Seykota ने कहा है कि,”if you cant take small loss, sooner or later you will take mother of all lossess” इसका मतलब ट्रेडिंग मे यदि आप छोटा लॉस बुक करना नही सीखेंगे तो एक ना एक दिन आपको बडा लॉस झेलना पड सकता है |
एक सफ़ल ट्रेडर ट्रेडिंग करते वक्त हमेशा स्टॉप-लॉस का युज करता है |
स्टॉप-लॉस कैसे लगाए | Stop Loss kaise Lagaye
स्टॉपलॉस ऑर्डर का इस्तेमाल तभी किया जाता है जब पहिले से आपने कोई पोझिशन ले रखी हो |

जैसे कि, यदि कोई शेयर अपने खरीद (Buy)करके रखा है तो इस शेयर पर आपको सेलिंग स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Selling Stop loss )लगाना पडेगा |
इसके विपरीत यदि कोई शेयर आपने शॉर्ट सेल करके रखा है,तो आप बायींग स्टॉपलॉस ऑर्डर (Buying Stop loss) लगा सकते है |
दो तरह से स्टॉप लॉस आर्डर लगाया जाता है: |
1 . stop loss limit price and trigger price = price + trigger price |
2 . stop loss market order (स्टॉप -लॉस मार्केट ) = सिर्फ ट्रिगर प्राइस जरुरी |
टाइप 1 – यदि आपने लॉन्ग बाय पोजीशन लिया है तब , आपको Selling Stoploss प्लेस करना होगा |
टाइप 1 – यदि आपने शोर्ट सेल पोजीशन लिया है तब , आपको Buying Stoploss प्लेस करना होगा |
‘बाइंग स्टॉप लॉस ऑर्डर के लिए, ट्रिगर प्राइज लिमिट प्राइज से कम होना चाहिए | |
‘सेल्लिंग ‘ स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने के लिए, ट्रिगर प्राइज लिमिट प्राइज से ज्यादा होना चाहिए | |
Buying stop loss market order meaning
मान लेते है की,आपने एक शेयर ₹ 100 buy करके रखा है, और आप जादा से ज्यादा ₹ 3 लॉस ले सकते है ,आपने शेयर पहिले से बाय करके रखा है,इसलिये आपको यहा पे सेलिंग स्टॉपलॉस ऑर्डर(Selling Stop loss order ) लगाना होगा |
इसके लिए आपको लिये हुये शेअर पर क्लिक करके, सेल(sell) ऑप्शन पर जाना है वहा पर ऑर्डर टाईप मे आपको एस एल एम (SL-M) सिलेक्ट करना है |
एस एल एम सिलेक्ट(SL-M) करने के बाद वहा पर ट्रिगर प्राईज(Trigger Price) एंटर का ऑप्शन होगा अब आपने पहिले से डिसाईड कर रखा है कि आपको मॅक्झिमम लॉस 3 रुपये लेना है,
इसलिये आप ट्रिगर प्राईज(Trigger Price) मे ₹ 100 से ₹ 3 कम यानी ₹ 97 रख देंगे |
और ऑर्डर प्लेस कर देंगे |
इस तर आपका स्टॉपलॉस ऑर्डर क्रियेट हो जायेगा |
अब जैसे ही,आपके आपने लिये हुए शेयर की प्राइस कम होकर ₹ 97 आ जायेगी आपका stoploss ऑर्डर trigger हो जायेगा और एक सेल मार्केट ऑर्डर exchange पर चला जायेगा और आपके शेअर्स सेल हो जायेंगे इस तरह आप जादा लॉस होने से बच जायेंगे |
Short selling stop loss market order meaning
मान लेते है आपने किसी शेयर को ₹ 100 की किंमत पर शॉट सेल (short sell )करके रखा है इस पर भी आप ज्यादा से ज्यादा ₹ 3 लॉस उठाना चाहते है|
यह शेयर आपने पहिले से शॉट सेल करके रखा है इसलिये आपको बाईंग स्टॉपलॉस ऑर्डर(Buying Stop loss) लगाना है | इसे लगाने के लिए आपको शेयर पर क्लिक करके बाय ऑप्शन पर जाना है |
वहा पर ऑर्डर टाईप मे (SL-M) सिलेक्ट करना है, (SL-M) सिलेक्ट करणे के बाद वहा पर (trigger price) का ऑपशन आयेगा अब आपने पहिले से तय कर रखा है|
की आपको ज्यादा से ज्यादा ₹ 3 लॉस लेना है | अब आपको ₹ 100 मे ₹ 3 जादा यांनी ₹ 103 रुपये ट्रिगर प्राईज(trigger price) मे सेट करणा है |
इस तरह आपका स्टॉप-लॉस मार्केट ऑर्डर (stop loss market order) क्रियेट हो जायेगा | इस तरह जैसे ही आपकी शेयर की प्राइस बढकर ₹ 103 आयेगी आपका स्टॉपलॉस ऑर्डर ट्रिगर हो जाएगा और एक बाय मार्केट ऑर्डर एक्सचेंज पर चला जायेगा और आपका शॉर्ट किया हुआ शेअर बाय हो जायेगा इस तरह आप जादा लॉस होने से बच्च जायेंगे |
शार्ट सेल्लिंग मतलब पहले शेयर ज्यादा भाव पर बेचना और किम्मत कम होने पर उसे फिर से खरीदना इस तरह आप शेयर मार्किट में गिरते हुए मार्किट से भी पैसा कमा सकते है | शार्ट सेल्लिंग के बारे में और विस्तार से जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़े-शॉर्ट सेलिंग से पैसे कमाए
Buying stop loss limit price and trigger price
अब हम बात करते है स्टॉप-लॉस लिमिट ऑर्डर stop loss limit order की मान लेते है कोई शेयर आपने पहिले से ₹ 100 पर खरीद के रखा है |
जब की आपने शेयर पहिले से बाय कर के रखा है, इस केस मे आपको सेलिंग स्टॉप-लॉस ऑर्डर(selling Stop loss) लगाना होगा | इसके लिए शेयर पर क्लिक करके सेल ऑप्शन(Sell) पर जाना है |
वहा पर ऑर्डर टाईप मे SL सिलेक्ट करना है अब आपको दो ऑप्शन दिखेंगे एक ट्रिगर प्राईज(Trigger Price) वर दुसरा लिमिट प्राईज(Limit Price), आपने पहिले से डिसाईड कर लिया है की आपका मॅक्झिमम लॉस ₹ 3 होगा|
इसलिये आप चाहेंगे की शेयर की प्राइस ₹100 रुपये से ₹3 कम यांनी ₹97 आजाये तब आपका शेयर सेल(Sell) हो जाये इस कारण से आपको लिमिट प्राईज को ₹97 सेट करना है |
अब आपको ट्रिगर प्राईज मे एक प्राइस सेट करनी होगी ट्रिगर प्राईज आपकी बाय प्राईस और लिमिट प्राईज के बीच मे रहेगी |
यांनी जब शेयर कि किंमत कम होगी तब सबसे पहले ट्रिगर प्राईज यांनी आपका ट्रिगर प्राईज लिमिट प्राईस से पहिले आना चाहिए यह स्टॉप ला सेट करते वक्त आपको ध्यान रखना है | ट्रिगर प्राईज और लिमिट प्राईस सेट करने के लिए बहुतांश ट्रेडर कन्फ्युज हो जाते है |
और गलतिया कर बैठते है | जैसे ही ट्रिगर प्राईज आयेगा वैसे आपका ऑर्डर एक्सचेंज में चला जायेगा और लिमिट प्राईज पर आपका ऑर्डर एक्झिक्युट(Execute) हो जायेगा यांनी आपको ट्रिगर प्राईज ₹98 सेट करना है जो की बाय प्राईस और लिमिट
प्राईज के बीच रहेगा इस तरह आपका स्टॉप-लॉस लिमिट ऑर्डर क्रियेट हो जायेगा | इस तरह आपका शेअर ₹97 आने पर बाद सेल हो जायेगा और आप जादा लॉस से बच जायेंगे |
Short selling stop loss limit price and trigger price
अब समजते है की शॉट सेलिंग मे स्टॉप-लॉस लिमिट ऑर्डर कैसे लगाना है |
मान लेते है की, आपने एक शेयर ₹ 100 की प्राइस पे शॉर्ट सेल(SHORT SELL) किया है और आप इस शेयर के उपर जादा से ज्यादा ₹3 लॉस उठाना चाहते है |
या आपने शेयर पहिले से सेल करके रखा है इसलिये आपको बाईंग स्टॉप-लॉस ऑर्डर(buying stoploss order) लगाना होगा |
इसके लिए आपको शेयर के बाय(buy) ऑप्शन पे जाना है वहा पर ऑर्डर टाईप मे SL सिलेक्ट करना है SL ऑर्डर सिलेक्ट करणे पर वहा पर दो तरह के ऑप्शन आयेंगे एक आयेगा ट्रिगर प्राईज(trigger price) दुसरा आयेगा लिमिट प्राईज(limit), यहा पर आप आपका मॅक्झिमम लॉस ₹3 लिमिट करना चाहते है |
इसलिये आप चाहेंगे की शेयर की प्राइस ₹ 100 से ₹3 बढकर यांनी ₹103 आ जाय आपका शेयर बाय(buy) हो जाये इस कारण लिमिट प्राईज को आप ₹103 सेट कर देंगे अब यहा भी आपको ट्रिगर प्राईज को बाय प्राइज और लिमिट प्राईज के बीच मे सेट करना होगा|
क्योंकि जब शेयर की प्राइस बढेगी आपका ट्रिगर प्राईज लिमिट प्राईज के पहले आना चाहिए क्यूकी ट्रिगर प्राईज आने पर आपका स्टॉपलॉस ऑर्डर ऍक्टिव्हेट होगा और आपने सेट की हुई लिमिट प्राईस पर आपका ऑर्डर एक्सचेंज में चला जायेगा |
इसलिये आपके आपको ट्रिगर प्राईज को 100 और 103 के बीच ₹102 पर सेट करना है और आपका ऑर्डर प्लेस करना है इस तरह आपका स्टॉप-लॉस लिमिट ऑर्डर क्रियेट हो जायेगा|
और जैसे आपके शेयर की प्राइस बढकर ₹102 आयेगी आपका स्टॉप-लॉस ऑर्डर ट्रिगर हो जायेगा और बाय लिमिट ऑर्डर ₹103 के भाव पर एक्सचेंज मे चला जायेगा जैसी प्राइस और बढकर ₹103 रुपये होगी आपका शेयर बाय(buy) हो जायेगा और आप यहा भी ज्यादा लॉस होने से बच जायेंगे |
Trailing stop loss क्या होता है ?
Target प्राइस एक ऐसा प्राइस होता है जिसे सेट करने से हमारा प्रॉफिट फिक्स होता है | यहाँ ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस में आप आपके लॉस को लिमिटेट रखकर अनलिमिटेड प्रॉफिट कमा सकते है | इसे एक उदाहारण से समझते है,
Example:
समझते है TATASTEEL का शेयर अपने ₹500 पर ख़रीदा है और अपने ₹480 का स्टॉप-लॉस लगाया हैं | कुछ समय बात उस शेयर का प्राइस बढ़कर ₹ 520/-होता है | अब आप आपके पहले स्टॉप-लॉस को trail करेंगे और उसे ₹480 से बढाकर ₹ 500 कर देंगे |
अब यदि मार्केट फिर से गिरने लगता है तब ₹500 पर आपके शेयर्स आटोमेटिक तरीके से बेच दिए जायेंगे और आप ज्यादा लॉस से बच जाएँगे | इसके विपरीत यदि शेयर की कीमत लगातार बढ़ती है तब आप स्टॉप-लॉस को बार बार ऊपर सरकाएंगे या Trail करेंगे इससे आपको अनलिमिटेड प्रॉफिट मिलेगा और लॉस का खतरा भी कम होगा |
अगर आपका स्टॉप-लॉस अंत में हिट होता है तो आप प्रॉफिट में ही निकलेंगे | तो इस तरह आप ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस का इस्तेमाल कर सकते है |
NOTE:-
स्टॉप-लॉस लिमिट ऑर्डर(stoploss limit order) जब आप लगायेंगे तो एक बात आपको हमेशा ध्यान रखनी है कि इस मे आप लिमिट ऑर्डर लगाते है |
और लिमिट प्राईज आने पर ही शेयर की बाईंग और सेलिंग होती है अगर कभी शेयर की प्राइस ज्यादा तेजी से बढती या घटती है तो हो सकता है कि आपके शेयर की प्राइस सेट की हुई लिमिट प्राईस से भी ऊपर यां नीचे चली जाए जिसके कारण आपका ऑर्डर एक्झिक्युट ही ना हो आपका लॉस भी इस केस में और ज्यादा बढ सकता है |
इस कारण आपको हमेशा स्टॉप-लॉस मार्केट ऑर्डर(Stop loss Market ) लगाना ज्यादा बेहतर विकल्प होता है | स्टॉप-लॉस मार्केट ऑर्डर मे आप मार्केट ऑर्डर लगाते है और मार्केट ऑर्डर का एक्झिक्युट होना लगबग पक्का ही होता है |
और एक महत्वपूर्ण बात यह है कि “stop loss validity” केवल एक दिन के लिए व्हॅलिड रहता है| और मार्केट क्लोज होने तक यदि आपका स्टॉप-लॉस एक्झिक्युट नही होता है तो वह ऑर्डर कॅन्सल हो जायेगा | इस कारण स्टॉप-लॉस ऑर्डर का ज्यादा तर युज इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए होता है |
यदि आप लॉंग टर्म मे स्टॉप-लॉस ऑर्डर लगाना चाहते है तो आपको GTT ऑर्डर मे लगाना होगा |
सूचना: आप जितनी बार चाहते हैं उतनी बार स्टॉप-लॉस में ऑर्डर लगा सकते हैं | और जरुरत पड़ने पर परिवर्तन भी कर सकते हैं | हालांकि, यदि स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो जाता है ,तो आप इसमें बदलाव नहीं कर सकते |
स्टॉप-लॉस आर्डर एक्सेक्यूट होने पर ही सिर्फ आपको ब्रोकरेज शुक्ल लगेगा मॉडिफाई करने पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं होता है |
आपने इस आर्टिकल मे जाना की स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या होता है इसका इस्तेमाल आप कैसे कर सकते है और यह कितने तरह का होता है |
FAQ
स्टॉप-लॉस कितने प्रतिशत सेट करना सही है ?
इसके लिए कोई पक्की सीमा नहीं होती हैं। फिरभी बहुतांश ट्रेडर्स Stop Loss को 2 %से 5% के आस-पास सेट करते हुए दीखते है ।
स्टॉप-लॉस कितने तरह के होते हैं?
स्टॉप-लॉस दो प्रकार के होते – 1. Stop Loss Market Order 2. Stop Loss Limit Order.
निष्कर्ष
लॉस से बचना है तो “स्टॉप-लॉस ऑर्डर” है जरुरी। इस पोस्ट स्टॉपलॉस आर्डर की पूरी जानकारी आसान भाषामे प्रयास किया है।
यहाँ आपको स्टॉप लॉस लगाया जाता है, ट्रेडिंग में इसका क्या उपयोग है,Buying Stoploss ,Selling Stoploss इनसभीकी पूरी जानकारी इसी आर्टिकल से मिल जाएगी।
उम्मीद है आपको ये जानकारी उपयुक्त लगी होगी पसंद आनेपर इस जानकारी को शेयर करना न भूले।