स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये इस आर्टिकल मे हम जानेगे की स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या होता है, स्टॉप-लॉस ऑर्डर लगाने के ऍडव्हान्स तरीके, स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाते वक्त ट्रेडर को किन चीजो से बचना चाहिए, और सही स्टॉप लॉस लगाने के लिए आपको क्या चीजे सीखने की जरूरत है |
स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ऐसा ऑर्डर होता है जिसमे आप जादा लॉस होने से बच सकते है | क्योंकि हर सफल ट्रेडर पहिले लॉस के बारे मे सोचता है यांनी कम से कम लॉस और ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट यही सफलता की निशानी है |
यदि आपके अनुमान से मार्केट विपरीत दिशा मे जाता है तो आपको ज्यादा लॉस हो जाता है से बचने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर आपकी मदत करता है | तो चलिए शुरू करते है जानना की, स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये ?
1)प्रतिशत पर आधारित Stop Loss |

स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये
“वारेन बकेट” शेयर बाजार के बारे में दो नियम बताते है पहला शेयर बाजार में पैसा मत खोना और दूसरा पहला नियम कभी भी मत भूलना |
जब एक सफ़ल ट्रेडर ट्रेडिंग करता है तो उसके पास पहले से ही अधिकतम नुकसान का अनुमान उसे जरूर होता है |
नियम के तौर पर आपको एक ट्रेड में 2% से ज्यादा का नुकसान नहीं होना चाहिए, यानी अगर आपकी पूंजी ₹1 लाख है तो आपको एक ट्रेड में ₹2000 से ज्यादा का नुकसान नहीं होना चाहिए।
यह नियम हर किसी के लिए अलग हो सकता है कुछ ट्रेडर्स उनकी कुल पूंजी का 10% से 15%जोखिम भी लेते है लेकिन ऐसा करना उचित नहीं है | क्योंकि ऐसा करने से ट्रेडर जल्द ही आपनी पूंजी समाप्त कर देगा और आप ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे।
इस कारन आपको 2% का नियम ध्यान में रखकर प्रतिशद पर आधारित स्टॉपलॉस का पालन करना जरुरी है | (स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये)
2) सपोर्ट रेजिस्टेंस के आधार पर स्टॉप-लॉस |
चार्ट के आधार पर भी स्टॉप-लॉस लगाया जा सकता है चार्ट के आधार पर स्टॉप-लॉस लगाने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी है | सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल होते हैं जहां से प्राइस बार बार ऊपर या नीचे जा सकती है शेयर की प्राइस सपोर्ट रेजिस्टेंस लेवल को hold करती है या रिस्पेक्ट करती है ऐसा हम कह सकते हैं |
आप यदि किसी शेयर को खरीदते हैं या लॉन्ग करते हैं तो आपको सपोर्ट लेवल के नीचे स्टॉपलॉस लगाना होता है | क्योंकि सपोर्ट लेवल पर बायर एक्टिव होते हैं वह बायर शेयर की प्राइस को ज्यादा गिरने नहीं देते |
आप यदि किसी शेयर को शर्ट सेल करते हैं तो आपको स्टॉप-लॉस रेजिस्टेंस लेवल के ऊपर लगाना चाहिए क्योंकि रेजिस्टेंस लेवल पर सेलर्स एक्टिव होते हैं वसीला शेयर की प्राइस को ज्यादा बढ़ने नहीं देते |
सपोर्ट रेजिस्टेंस के बारे में यदि आप कम जानकारी रखते हैं तो नीचे दिए गए आर्टिकल को जरूर पढ़ें : Psychology of Support and Resistance Level Analysis
3)समय निर्धारित स्टॉप-लॉस:
जब आप कोई ट्रेड बना लेते है | और कुछ समय बाद ना टारगेट हिट होता है ना ही स्टॉपलॉस हिट होता है, ऐसा तब होता है जब मार्केट साइडवेज़ होता है ,ऐसी स्थिति में आपका पैसा ब्लॉक हो जाता है |
लिए हुए ट्रेड में प्रॉफिट नहीं बनता है और नया ट्रेड भी आप नहीं ले सकते ऐसी स्थिति में पूर्व निर्धारित समय पर ट्रेड को निकाल देना ही बेहतर होता है | कई बार ऑप्शन ट्रेडर ज्यादा समय के लिए यदि ट्रेड में बैठे रहते हैं तो उन्हें टाइम-वैल्यू का नुकसान हो सकता है |
4)मूविंग एवरेज को स्टॉपलॉस के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है:
मूविंग एवरेज एक प्रचलित इंडिकेटर है और इससे आप स्टॉपलॉस भी लगा सकते है | इसे प्राइस फोल्लोविंग इंडिकेटर भी कहा जाता है |
आम तौर पर 10-दिन मूविंग एवरेज को इंट्राडे में 5 मिनट TIMEFRAME पर लगाकर स्टॉपलॉस का अंदाजा मिल सकता है |
5)VWAP स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है:
VWAP को वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस कहा जाता है | इसे एवरेज ट्रेडेड प्राइस(ATP) के नाम से भी जाना जाता है| यह ट्रेडिंग के लिए अहम् यूज़ किये जाने वाले इंडिकेटर में से एक है |
इसमें वॉल्यूम और प्राइस दोनों का एवरेज मिलता है | इस कारन यह बड़ा महत्वपूर्ण इंडिकेटर है | इसकी मदत से इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉपलॉस लगाना संभव है |
6)एटीआर-एवरेज ट्रू रेंज स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है:
कई ट्रेडर एवरेज ट्रू रेंज को भी अपने ट्रेडिंग में अपनाते है | इससे स्टॉपलॉस भी लगाया जा सकता है |
7)बिग कैंडल मेडियन स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है:
8)पिछला दिन का हाई और लो(High/Low) स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है:
बहुत बार प्राइस पिछले दिन के हाई और लौ को रेस्पेक्ट करती है | यदि शेयर शार्ट सेल्ल करते है तो पिछले दिन का हाई स्टॉपलॉस का काम करता है | और यदि लॉन्ग पोजीशन है तो पिछले दिन का लो स्टॉपलॉस का काम करेगा |
9)दो दिनों के क्लोजिंग और ओपनिंग प्राइस के बीच का गैप भी स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है:
स्टॉप लॉस लगते समय कोनसी गलतिया करने से बचना चाहिए

स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये
हमने देखा की स्टॉप लॉस हम कितने तरिकोसे से लगा सकते है | और स्टॉप लॉस हमे बेशक ज्यादा होने वाले से बचाता है लेकिन फिर भी कुछ गलतिया ट्रेडर्स कर बैठते है, जिनके बारे मे हम बात करेंगे आप इन गलतियों को आपकी ट्रेडिंग में सुधार सकते हो जिससे आपकी ट्रेडिंग में निखार आयेगा |
1. कसा हुवा स्टॉप लॉस लगाने से खुद को बचाये |
इसका मतलब जब आप स्टॉप लॉस लगाते है तब वो इतना टाइट नही होना चाहिये | वह थोडा सौम्य होना चाहिये इसे एक उदाहरण से समजते है,
उदाहरण-हिंदल्को शेयर का प्राईस ₹200 रुपये चल रहा है अपने उसे खरीदकर स्टॉपलॉस ₹199.90 रख दिया बहुतांश समय यह स्टॉपलॉस तुरंत हिट हो जाता है | क्यूकी शेयर का प्राईस किसी निश्चित दिशा मे घुमने से पहले आज पास के स्टॉप लॉस हिट करके घुमता है | इसमे आपको ज्यादा नुकसान तो नही होगा लेकिन आपको ब्रोकरज और गव्हर्मेंट शुल्क तो घर से देना होगा यह भी आपका नुकसान ही है |
इस कारण हर ट्रेडर को कसा हुवा स्टॉप लॉस लगाने से खुद को बचाना है |
2. किसी ट्रेडमे पोझिशन लेने से पहले स्टॉप लॉस डिसाईड करना जरुरी |
बहुत बार ट्रेडर किसी शेयर में पोझिशन लेते है और पोझिशन लॉस मे जाने के कारण फिर स्टॉप लॉस के बारे मे सोचते है यह बिलकुल गलत है, हर सफल ट्रेडर को पोझिशन लेने से पहले स्टॉप लॉस के बारे मे कॅल्क्युलेशन करना बेहत जरुरी है ऐसा ना करने से एक दिन आपको बडे लॉस का सामना करना पड सकता है |
3. हर बार स्टॉपलॉस लगाना जरुरी |
बार बार स्टॉप लॉस हिट होने के कारण कई ट्रेडर्स स्टॉप लॉस लगाना छोड देते है ऐसा आपको बिल्कुल नही करना है हरबार प्रॉपर पोझिशन साईज रिस्क मॅनेजमेंट करके आपको आपका स्टॉप लॉस लगाना है |
4. खुद के मन से बड़ा स्टॉपलॉस मत लगाए |
कुछ ट्रेडर बार बार स्टॉप लॉस हिट होने के कारण बडा स्टॉप लॉस लगाते है | ऐसा वो इसलिये करते है क्योंकि छोटा स्टॉप लॉस बार-बार हीट हो जाता है |
इस समस्या का एक समाधान है,आपको हर वक्त स्टॉप लॉस चार्ट के लेवल को देखकर लगाना है |
5. ट्रेड के साथ भावनिक बंन्ध रखकर ट्रेडिंग ना करे |
जब आप ट्रेडिंग करते हो तो ट्रेडिंग मे प्रॉफिट और लॉस दोनो भी होता है | लॉस होना भी एक गेम का पार्ट है ,सफल ट्रेडर हमेशा कहते है की “Stoploss is Part of The Game”
जब कभी आपका स्टॉप लॉस हिट हो जाये तो आपको यह मान के चलना होगा की आपका ट्रेड आयडिया गलत हुआ है और आपको नेक्स्ट ट्रेड के बारेमे सोचना है | कभी भी आपको ट्रेड के साथ भावनिक बंन्ध नही रखने चाहिए यह भी एक बडे लॉस का कारण हो सकता है | (स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये)
6. स्टॉपलॉस सिस्टम में होना जरुरी ना की मन में |
ट्रेडिंग करते समय कई ट्रेडर्स स्टॉप लॉस को सिस्टम मे लगाने की बजाय मन में लगाते है और मन का स्टॉप लॉस तो कभी हिट होगा ही नही इस कारण स्टॉप लॉस हमेशा सिस्टम मे होना चाहिए |
7. ट्रैलिंग स्टॉप-लॉस कि जरुरत |
ट्रैलिंग स्टॉप लॉस एक ऐसा स्टॉप लॉस होता है जिसमे आपका प्रॉफिट अनलिमिटेड हो सकता है और लॉस को आप बहुत सीमित रख सकते है | यदि आप आपके ट्रेडिंग मे ट्रैलिंग स्टॉप-लॉस का इस्तेमाल करते है तो आपका ट्रेडिंग ऍक्युरेसी बहुत ज्यादा बढ जाता है ट्रैलिंग स्टॉप-लॉस के बारे मे जानने के लिए आप हमारा पुराना आर्टिकल स्टॉप लॉस क्या है जरूर पढें |
सूचना :आप यदी टेक्निकल चार्ट का अध्ययन करके स्टॉप लॉस लगाते है तो आप छोटा स्टॉप लॉस लगाने से भी बच जायेंगे आप बडा स्टॉप लॉस भी नही लगायेंगे और जो योग्य स्टॉपलॉस है वही आप लगायेंगे इसलिये आपको ट्रेडिंग करणे के लिये टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना अत्यंत जरुरी है |
FAQ
स्टॉप लॉस में लिमिट प्राइस क्या है?
लिमिट प्राइस एक काम से काम कीमत होती है जो ट्रेडर स्वीकार करनेको तैयार होता है ,
स्टॉप लॉस कब सेट करना चाहिए?
शेयर की कीमत आपके अनुमान के विपरीत जाने से पहले आपको स्टॉप लॉस सेट करना चाहिए ताकि होने वाले नुकसान को कंट्रोल किया जा सके।
क्या स्टॉप लॉस हंटिंग असली है?
जी हा शेयर बाजार में स्टॉप लॉस हंटिंग होती है। आसान भाषामे कहा जाये तो ये एक तकनीक है जिससे शेयर बजैके मजबूत खिलाडी कमजोर खिलाड़ियोंको बजारसे किमलने की कोशिश करते है।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये ? के इस आर्टिकल में हमने देखा की,स्टॉप-लॉस ऑर्डर लगाने के लिए कोनसे तरिकोका इस्तेमाल किया जा सकता है।
और स्टॉप लॉस लगते समय कोनसी गलतिया करने से बचना चाहिए। शेयर बजारमे लोग अक्सर ट्रेडिंग करते समय छोटी छोटी गलतिया करते है जिसकी कीमत उन्हें नुकसान उठाकर चुकानी पड़ती है।
ऐसी गलारियोसे और नुकसान से बचने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़े। और समज लियिए की स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे लगाये
उम्मीद है की ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।