आज हम जानेंगे कि NSDL kya hai | जिस तरह बैंक अकाउंट में आपके पैसे सुरक्षित होते है उसी तरह एनएसडीएल निवेशको के शेयर और बांड्स को इलेक्ट्रोनिक रूप से सुरक्षित रखने वाली सस्था है |
शेयर मार्केट में ट्रेड करने वाला हर इंसान कभी ना कभी एनएसडीएल के बारे में देखता और सुनता ही है किन्तु सिर्फ देखने से तो काम नहीं होगा इसे आज हम समझने की कोशिश करते है |
आज हम जानेंगे कि एनएसडीएल क्या होता है |
NSDL kya hai ?
NSDL kya hai
भारत में मुख्य रूप से दो डिपाजिटरी हैं, एक NSDL और दूसरा CDSL ,एनएसडीएल (NSDL) भारत की सबसे सबसे बड़ी डिपाजिटरी के रूप में जाना जाता है|
आजसे 25 साल पहले शेयर सर्टिफिकेट होते थे जिन्हे संभलकर रखना पड़ता था, यदि कागज कही गुम हो जाते तो उस सम्पति को रिकवर करना बड़ा कठिन कार्य होता था|
यहाँ पर निवेशकों के एसेट्स डिजिटल रूप में स्टोर रहते है |
एनएसडीएल के कारन निवेशकों को शेयर सर्टिफिकेट संभाल कर रखने की जरुरत नहीं पड रही है|
जैसे आपके बैंक में पैसे आप रखते है इन पैसों को घर में रखने की जरूरत नहीं होती है, उसी तरह एनएसडीएल में आप आपके शेयर्स बांड्स इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सेव कर सकते है|
एनएसडीएल डिपाजिटरी भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE के साथ काम करती है. ट्रेडिंग और निवेश के लिए आप ब्रोकर के पास डीमैट अकाउंट खोलते है वे डिपॉसिटोरी में ही ओपन किये जाते है|
भारत में निवेश करने के लिए 18 साल की आयु जरुरी है इस उम्र के बाद व्यक्ति को पैनकार्ड मुहैया किया जाता है |
यह एनएसडीएल द्वारा दिया जाता है|
भारत में नेशनल पेंशन सिस्टम(National Pension System) में बड़ा निवेश होता है क्यों की यह भारत सरकार की योजना है,एनएसडीएल नेशनल पेंशन सिस्टम में होने वाले निवेश में रिकॉर्ड कीपिंग का काम करती है|
एनएसडीएल की स्थापना कब और किसने की ?
एनएसडीएल की स्थापना 1996 में हुई थी | NSE के साथ कई बैंको ने मिलकर एनएसडीएल को प्रमोट किया है|
एनएसडीएल अंतर्राष्टीय स्तर की सबसे पहली इ-डिपाजिटरी है |
एनएसडीएल का हेड ऑफिस महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है |
एनएसडीएल की सहायक संस्थाएं ?
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (IDBI) |
यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) |
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NSE) |
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक |
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया |
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड |
सिटीबैंक |
देना बैंक |
ड्यूटसच बैंक |
केनरा बैंक |
एक्सिस बैंक लिमिटेड |
ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स |
एचएसबीसी बैंक |
NSDL kya hai
एनएसडीएल और सीडीएसएल के बिच क्या अंतर है ?
एनएसडीएल | सीडीएसएल |
NSDL डीमैट अकाउंट होल्डर के id की शुरुवात IN से होती है और बांकी के 14 नंबर होते है | | सीडीएसएल डीमैट अकाउंट ID में 16 नंबर होते है | |
एनएसडीएल संस्था भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज NSE के साथ जुडी हुयी है | | सीडीएसएल संस्था भारत के सबसे बड़े दूसरे एक्सचेंज BSE के साथ जुडी हुयी है | |
एनएसडीएल की स्थापना 1996 को की गयी थी | | सीडीएसएल संस्था की स्थापना 1999 को की गयी थी | |
एनएसडीएल संस्था का फुल फॉर्म National Securities Depository Limited यह है | | सीडीएसएल संस्था का फुल फॉर्म Central Depository Services Limited यह है | |
एनएसडीएल संस्था को भारत की पहली बड़ी इ-डिपॉजिटरी कहते है | | सीडीएसएल संस्था को भारत की दूसरी बड़ी इ-डिपॉजिटरी कहते है | |
एनएसडीएल कैसे काम करता है?
एनएसडीएल की नवीनतम टेक्नोलॉजी देश के निवेशकों को और शेयर मार्किट ब्रोकेरोको बिज़नेस करने में सहायता देती है|
एनएसडीएल की नवीनतम टेक्नोलॉजी के कारन निवेशकों निवेश सुरक्षित है तथा कम खर्चीक भी है| फाइनेंसियल सर्विसेज इंडस्ट्रीज की बढ़ती डिमांड और व्यापक कार्यप्रणाली को समय के साथ अपग्रेड होने की जरुरत होती है यह जरुरत के ऊपर एनएसडीएल डिपाजिटरी निरंतर काम करती है|
एनएसडीएल डिपाजिटरी इन्वेस्टर ,स्टॉक ब्रोकर कस्टोडियन,इस्सुअर कम्पनीज अदि को सेवाए प्रदान करती है|
एनएसडीएल डिपाजिटरी की कार्यप्रणाली उदाहरण :
1996 में डिपॉजिटरी एक्ट तयार हुआ जिससे निवेश और ट्रेडिंग सही गति से होने में मदत मिली | डिपॉजिटरी सिस्टम का मुख्य हेतु शेयर्स को डिजिटल तरीकेसे रखना है जैसे बैंक में हम पैसे रखते है|
एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है उसी तरह डिजिटल एसेट भी एक अकाउंट से दूसरे अक्कौंतमे ट्रांसफर किया जा सकता है यह एनएसडीएल डिपाजिटरी के कारन ही संभव हुआ|
आज कल सब ऑनलाइन हुआ है कागज दस्तावेज सम्भालनेकी जरुरत नहीं है | आने वाले समय में आपके एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स भी ऑनलाइन स्टोर करने के बारे में सरकार सोच रहा है जिससे नौकरी के लिए फ्रॉड दस्तावेजों से छुटकारा मिल जायेगा | जो प्रामाणिक हक़दार होगा उसे ही नौकरी मिलेगी|
1996 में डिपॉजिटरी एक्ट के कारन आपका पैसा आपकी एनर्जी और आपका समय तीनो की बचत होती है|
एनएसडीएल डिपाजिटरी के फायदे
एनएसडीएल डिपाजिटरी में अकाउंट होने के बहुत सारे फायदे है,इसे हम विस्तार से देखते है |
इसके कारन तत्काल फण्ड ट्रांसफर होता है और शेयर्स का लेनदेन होता है क्युकी सबकुछ इलेक्ट्रॉनिक तरीकेसे होता है |
आपको कम से कम कागज दस्तावेज हैंडल करने होते है क्यों की सब देता ऑनलाइन उपलब्ध है |
पुराने समय में सिक्योरिटीज का लेनदेन करने के लिए 3-4 महीने लगते थे लेकिन एनडीएसएल डिपाजिटरी के आधुनिक तंत्रज्ञान की वजह से यह लेनदेन तुरंत होने में मदत मिली है |
यह डिपाजिटरी निवेशकों को नॉमिनेशन की सुविधा भी प्रदान करती है जिससे आपके परिजनों को आपके पश्चांत ज्यादा कठिनाइयोका सामना करना न पड़े |
एनएसडीएल के कारन कम लगत में ट्रेडिंग होने लगी है |
बहुत बार कागजी कार्य करते समय चूकभूल करेक्शन होता है इससे काम सही ढंग से नहीं होगा एनएसडीएल के कारन यह त्रुटिया ख़तम हो गयी है |
एनएसडीएल डिपाजिटरी के नकारात्मक पहलु
यहाँ हम कुछ नकारात्मक पहलु के ऊपर चर्चा करेंगे,
ऑनलाइन तरीकेसे होने वाले काम में फिजिकल जाँच नहीं होती,इस कारन धोखाधड़ी हो सकती है |
अनपढ़ अज्ञानी लोगो को ऑनलाइन कार्यप्रणाली पर भरोसा नहीं बैठता इससे सम्भ्रम तैयार हो सकता है |
FAQ
1) एनएसडीएल क्या है?
2) एनएसडीएल का फुल फॉर्म क्या है?
3) एनएसडीएल पेमेंट बैंक का मालिक कौन है?
4) क्या हम NSDL पर शेयर बेच सकते हैं?
5) एनएसडीएल पैन क्या है?
निष्कर्ष
NSDL kya hai इस आर्टिकल में हमने देखा की एनएसडीएल की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के कारन भारत में होने वाले कागजी दस्तावेजों के ट्रांसक्शन 80 % कम हो गए है|
यह एक अछि इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेस से काम करती है जिससे फिजिकल प्रोसेस का काम कम हुआ है और समय पैसा एनर्जी की बचत होते हुए दिख रही है|